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बिहार | नगर परिषद के परतापुर गांव समीप कमला नदी में की सुबह एक कार डूबे होने की बात आग की तरह फैल गई.लोग नदी की ओर दौड़े.कार का सिर्फ छत दिख रहा था.यह अनुमान लगाना कठिन था कि कार सवार उसमें थे या निकल गए थे.पुलिस को भी सूचना मिली.112 की गाड़ी वहां पहुंची।
कमला तटबंध से लगभग 250 मीटर दूर नदी में कार कैसे चली गई यह भी प्रश्न कौंध रहा था.धीरे धीरे लोगों की भीड़ तटबंध पर जमा होने लगी.कुछ देर बाद पता चला कि कार नगर परिषद के बेलारही गांव निवासी चंदन कुमार की है.कार मालिक जेसीबी से कार निकालने का प्रयास शुरू किया.इधर कई तरह के चर्चाएं हो रही थीं।काफी देर बाद जब कार निकली तो तमाम संभावना को धूमिल हो गया.असंतुलित होकर नदी में कार चले जाने की बात सामने आई.कार मालिक चंदन कुमार ने बताया कि किसी परिजन को लाने के लिए कमला तटबंध के रास्ते सुबह चार बजे कार दरभंगा की ओर जा रही थी.तभी तटबंध के सड़क के बीच बने लंबे और खतरनाक कट में कार जम्प करते हुए तटबंध किनारे से नदी में चली गई.अंतत कार बाहर निकलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.पुलिस ने बताया कि अनुसंधान के बाद कार को उसके मालिक को सुपुर्द किया जाएगा।
प्रमाण पत्र नहीं बनने से परेशानीपंचायत स्तर पर खोले गए आरटीपीएस काउंटर पर काम नहीं होने से लोग परेशान हैं.पंचायतों में बहुत तैयारी के साथ खासी रकम एवं बजट के हिसाब दिखा आरटीपीएस काउंटर खोला गया था.सहायकों को प्रतिनियुक्त भी दिखाया गया था.लेकिन लोगों के लिए इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.विद्यार्थी, महिलाएं एवं दिव्यांग ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए पुन प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
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