बालू माफिया ने सुपारी देकर शूटरों से निलेश मुखिया पर चलवाई गोलियां
पटना: दीघा का निलेश मुखिया को पप्पू- धप्पू से राजनीतिक रंजिश के साथ हर क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर अदावत लंबे अरसे से चल रही थी लेकिन जैसे ही निलेश मुखिया का इंट्री बालू कारोबार में हुआ बालू माफियाओं के आंखों की किरकिरी बन गये । सोमवार को दिनदहाड़े कुर्जी के समीप शूटरों ने निलेश मुखिया पर गोलीबारी कर दिया । निलेश मुखिया के शरीर में दो गोली लगी है वहीं घटना स्थल पर पुलिस ने 6 खोखा बरामद किया है । गंगा बालू खनन व कारोबार पर लंबे अरसे से पप्पू- धप्पू , उमेश, सिपाही गुटों का दबदबा क़ायम रहा था ।
घटना को अंजाम देने के बाद शूटर हथियार लहराते हुए लग्ज़री फोर वीलर पर सवार हो फ़रार हो गये । वहीं सूचना पाकर पुलिस मौक़े वारदात पर पहुंची और मामले की छानबीन में जुट गई है ।अपराधियों के गिरफ़्तारी को लेकर एसएसपी के आदेश पर कई थाना क्षेत्र को सील कर दिया गया है और छापेमारी शुरू कर दी गयी है । आसपास के सीसीटीवी फ़ुटेज को खंगाला जा रहा है । इधर निलेश मुखिया को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है । निलेश मुखिया भाजपा पार्टी से जुड़े है वही इनकी पत्नी वार्ड पार्षद है ।विपक्षी पप्पू- धप्पू दोनों भाई राजद पार्टी से जुड़े है ।
बालू के अवैध खनन व कारोबार को लेकर अमनाबाद में तीन दिन पहले बालू माफियाओं का जुटान हुआ था और आपसी पंचायत की बात हो रही थी ।इसी में बालू माफिया ने सरेआम एक व्यक्ति को एके 47 से भून डाला और कई ज़ख़्मी हुए । दो साल का रिकॉर्ड देखा जाएं तो अमनाबाद एवं सुअरमरवा में कई बार बालू पर वर्चस्व को लेकर गोलीबारी हो चुकी है । जुड़े कई तो कई निर्दोष मज़दूरों की जान जा चुकी है लेकिन पुलिस बालू माफियाओं पर कार्रवाई से कतराती रही है ।
बिहटा में माइंस इंस्पेक्टर पर जानलेवा हमला के बाद चीफ़ सेक्रेटरी आमीर सुबहानी ने हाई लेवल मीटिंग किया था और एक्शन प्लान जारी किया गया था । इसके बाद पुलिस ने अवैध बालू खनन में जुड़े कई पॉकलेन मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया एवं कई को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया । पुलिस कार्रवाई को लेकर बालू माफियाओं का एक गुप्त मीटिंग सोन नदी क्षेत्र में हुआ । इसमें बालू माफियाओं ने पुलिस से दो - दो हाथ करने निर्णय लिया है । इसके लिए अत्याधुनिक हथियारों व गोलियों की ख़रीद भारी मात्रा में किया गया है । सूत्रों की मानें तो पटना, भोजपुर व वैशाली ज़िले के बालू माफियाओं के पास क़रीब दो दर्जन से अधिक एके 47 व एके 56 है ।