सिवान न्यूज़: गुठनी प्रखंड में तटबंधों के निरीक्षण के दौरान 7 नंबर गोगरा तटबंध का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के समय संबंधित सहायक अभियंता व कनीय अभियंता भी उपस्थित थे.
बताया गया कि 7 नंबर गोगरा तटबंध के किमी 0.00 से किमी 68.00 तक तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. मौके पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता नवल किशोर भारती ने बताया कि नंबर के क्षेत्राधीन 7 नंबर गोगरा तटबंध के किमी 0.00 से किमी 68.00, झरही नदी के बंया तटबंध के किमी 8.00, दायां तटबंध के किमी 8.00 व पंचमुआ जमींदारी बांध 3.36 किमी है, जो गुठनी, दरौली, आंदर, रघुनाथपुर व सिसवन प्रखंड के तहत है.
गुठनी प्रखंड के टड़वा, सोनहुला, श्रीकरपुर गोहरुआ, स्थित स्लूईस गेटो का निरीक्षण किया गया. इस दौरान सभी गेट क्रियाशील पाए गए. वहीं 7 नंबर गोगरा तटबंध के किमी 3.00 से किमी 9.00 के बीच तटबंध पर आवागमन के लिए सड़क की स्थिति को काफी जर्जर देखते हुए मरम्मति के लिए संबंधित अभियंता को निर्देश दिया गया. सदर एसडीओ रामबाबू बैठा ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को 7 नंबर गोगरा तटबंध के 10.00 से 24.00 के बीच गुठनी प्रखंड के ग्राम मैरीटाड़, डुमरहर व दरौली प्रखंड के ग्राम के केवटलिया, अमरपुर करमाहा स्थल पर बाढ़ अवधि के दौरान विशेष चौकसी व निगरानी रखने का निर्देश दिया.
नदी का पानी सीधे बांध की ओर टकराता वहां जीओ बैग से होगा कार्य आगामी बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर डीएम के निर्देश पर एसडीओ रामबाबू बैठा ने प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी भाग से गुजरती हुई सरयू नदी और गोगरा तटबंध का निरीक्षण किया. उन्होंने सोहगरा, सोनहुला, श्रीकरपुर, धर्मपुर, गोहरुआ, गुठनी, तिरबलूआ, ग्यासपुर, खडौली, ग्यासपुर, मैरीटार, डूमरहर, अमरपुर, केवाटलिया, नरौली, डुब्बा, मेल्हनी, लीलही सहित विभिन्न स्थानों से गुजरती हुई बांध की स्थिति, बांध पर बने रेन कट, कटाव स्थल, क्षतिग्रस्त स्थल, नदी से बांध की दूरी, बांध से ग्रामीण आबादी की दूरी सहित अन्य बिंदुओं का जायजा लिया. निरीक्षण के क्रम में उन्होंने मौके पर मौजूद एसडीओ और जेई को भी कई प्रकार के आवश्यक निर्देश दिए . एसडीएम ने बताया कि प्रखंड समय समय पर बाढ़ की गंभीर चुनौतियों से जूझता रहा है. उन्होंने कहा कि कोई नहीं कह सकता कि आपदा का स्वरूप क्या होगा. इसे गंभीरता से लेते हुए तैयारियों पर जोर दिया जा रहा है. बाढ़ पूर्व तैयारियों को देखते हुए विभागीय पदाधिकारियों को क्षतिग्रस्त स्थल, रेन कट , बांध पर बने गढ़े आदि को चिन्हित करते हुए मरम्मती कार्य जल्द से जल्द शुरू करने को निर्देश दिये गए हैं.