गोपालगंज न्यूज़: गोपालगंज व पड़ोस के जिलों में बिजली की ट्रिपिंग की समस्या खत्म करने की बिजली कंपनी ने कवायद शुरू की है. इसके लिए 33 व 11 हजार केवीए के जर्जर व पुराने तार को बदलने की योजना शुरू की गई है. पहले पहले फेज में ग्रिड को आपूर्ति करने वाले मेन लाइन के तार को बदला जा रहा है.
गोपालगंज- मशरक मेन लाइन 77 किलोमीटर, गोपालगंज- हथुआ मेन लाइन 24 किलोमीटर, सीवान- मशरक मेन लाइन 55 किलोमीटर व हथुआ- सीवान मेन लाइन 44 किलोमीटर में नए तार लगाए जा रहे हैं. करीब 24 किलोमीटर लाइन का तार बदलने का काम करीब 80 प्रतिशत पूरा करा लिया गया है. ग्रिड को आपूर्ति करने वाले चार मेन लाइन के तार बदले जाने के बाद किसी कारण वश एक लाइन खराब भी हो जाती है तो जिले के बिजली आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि पहले लाइन खराब होने पर सिर्फ 80 मेगावाट बिजली ही ग्रिड आउट साइड लाइन से ले पाता था. अब तार बदले जाने के बाद ग्रिड आउट साइड से 160 मेगावाट बिजली ले सकेगा. कंपनी इस बार मेन लाइन का तार स्पेशल क्वालिटी का लगा रही है. वहीं आधुनिक डिश व इंसुलेटर का उपयोग किया जा रहा है. इससे आंधी-पानी के दौरान भी बिजली ट्रिप नहीं करेगी . तार बदले जाने के बाद जिले के अलावे सीवान, सारण, मोतिहारी, बेतिया सहित अन्य जिलों की बिजली व्यवस्था पहले के अपेक्षा बेहतर हो जाएगी.
ब्रेकडाउन की वजह से ठप रही बिजली सप्लाई प्रखंड मुख्यालय स्थित पावर सब स्टेशन में 11 केवीए ट्रांसमिशन लाइन ब्रेकडाउन रहने के कारण जगदीशपुर फीडर से जुड़े 35 गांवों में बिजली की आपूर्ति पांच घंटे तक बाधित रही.
कनीय अभियंता प्रकाश कुमार सिंह ने बताया कि देर रात से बंद पड़ी विद्युत आपूर्ति की सुबह सुचारू कर ली गई है.
ग्रिड को आउट साइड से बिजली आपूर्ति करने वाली चार मेन लाइन का तार बदलने का काम शुरू कर दिया गया है. तार बदले जाने के बाद आपूर्ति लोड बढ़ने पर भी आसानी से आपूर्ति की जा सकेगी. आंधी पानी के दौरान बार-बार बिजली ट्रिपिंग की समस्या खत्म हो जाएगी.
-विराज कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता, ग्रिड, गोपालगंज
रक्सौल गोपालगंज संचरण लाइन का निर्माण हुआ पूरा
बिजली कंपनी ने गोपालगंज रक्सौल 220 केवीए लाइन का निर्माण भी पूर्ण कर लिया है. 65 किलोमीटर लंबी इस संचरण लाइन का टेस्ट ट्रायल भी पहले ही किया जा चुका है. कंपनी के अधिकारियों के अनुसार गर्मी शुरू होने से पहले नवनिर्मित ट्रांसमिशन लाइन से बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी. नए लाइन से आपूर्ति शुरू होते ही गोपालगंज ग्रिड की क्षमता 400 मेगावाट से बढ़कर 18 सौ मेगावाट हो जाएगी. इससे गर्मी के मौसम में आपूर्ति को लेकर होने वाली रोटेशन व पिकआवर की समस्या भी दूर हो जाएगी.