मोतिहारी: सदर अस्पताल में प्रसव कराने आयी प्रसूता को कमीशन के लालच में अस्पताल के गली नंबर स्थित नर्सिंग होम में ले जाने के मामले में जांच तेज हो गई है. इसमें ऑपरेशन के बाद पेट से बच्चा नहीं निकलने पर पुन: प्रसूता को सदर अस्पताल रेफर कर नर्सिंग होम बंद कर फरार हो गया था. जांच टीम के आने की सूचना पाते ही उक्त नर्सिंग होम बंद कर संचालक फरार हो गये.
जांच टीम के नेतृत्व कर रहे एसीएमओ डॉ.श्रवण पासवान ने बताया कि घटना सही है. प्रसूता को सदर अस्पताल से नर्सिंग होम तक पहुंचाने में आशा व ममता का हाथ है. सिजेरियन के लिए नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर ने तीस हजार लिया था. जब ऑपरेशन से बच्चा नहीं निकला और मरीज की स्थिति खराब हो गई तब डॉक्टर पति पत्नी मरीज को रेफर कर ऑपरेशन टेबल पर छोड़ फरार हो गए. परिजन उसे फिर सदर अस्पताल लाये. जहां दुबारा ऑपरेशन किया गया और जहां बच्चा मरा हुआ निकला. किसी तरह से प्रसूता की जान बचायी गयी. एसीएमओ ने बताया कि नर्सिंग होम संचालक के डिग्री व रजिस्ट्रेशन की जांच होगी. बताया कि प्रसूता सुगौली की सोनी देवी पति महादेव राम है.
इस मामले में प्रसूता व पति का भी बयान लिया गया है.
कहते हैं सिविल सर्जन: सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जांच टीम ने काम शुरू कर दिया है. रिपोर्ट आते ही कार्रवाई शुरु होगी. सदर अस्पताल से दलाल को भी चिन्हित करने को कहा गया है.
जिला में 156 अवैध नर्सिंग होम हैं चिह्नित: विदित हो कि जिला में अवैध नर्सिंग होम व सदर अस्पताल से मरीज सहित प्रसूता को भगा ले जाने का मामला कई वर्ष से चल रहा है. मगर इस पर कार्रवाई के बदले मामला लेन देन के बाद समाप्त कर दिया जाता है. बताते हैं कि जिला में करीब 156 अवैध नार्शिंग होम चिन्हित हैं. सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सदर अस्पताल के आसपास करीब दर्जन अवैध नर्सिंग होम की सूची चिकित्सा प्रभारी ने सिविल सर्जन कार्यालय को दिया है. जिसमें सदर अस्पताल का गली नंबर भी है. कार्रवाई नहीं होने से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं