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पटना (आईएएनएस)| बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा चल रही है। दावा किया जा रहा है कि इस कथा को सुनने के लिए प्रतिदिन लाखों लोग पहुंच रहे हैं। भीड़ को देखते हुए धीरेंद्र शास्त्री खुद लोगों से नहीं आने की अपील की है।
इस बीच, शास्त्री के पटना आगमन को लेकर भी जहां सियासत खूब हो रही है वहीं इसके मायने भी निकाले जा रहे। शास्त्री को लेकर हालांकि जदयू के नेता बयानबाजी से बच रहे हैं।
बागेश्वर धाम सरकार का यह कार्यक्रम 17 मई तक चलेगा। राजद जहां शास्त्री के पटना दौरे को लेकर शुरू से विरोध में खड़ी है, वहीं भाजपा के कई वरिष्ठ नेता हनुमंत कथा में शामिल हो चुके हैं।
राजद के नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कथा में जाने से साफ इंकार कर दिया है वही भाजपा महागठबंधन पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रही है।
वैसे, बिहार की सियासत में हनुमंत कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष और विपक्ष की राजनीति के मायने भी निकाले जाने लगे हैं।
माना जा रहा है कि भाजपा धीरेंद्र शास्त्री के नाम पर बिहार की राजनीति को जातीय की जगह हिंदुत्व की ओर ले जाना चाह रही है। राजनीतिक विश्लेषक अजय कुमार कहते हैं कि भाजपा की राजनीति शुरू से हिंदुत्व और धर्म की रही है। हनुमंत कथा के राजद के खुले विरोध के कारण भाजपा को यह मौका मिला है।
उल्लेखनीय है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान को लेकर धीरेंद्र शास्त्री चर्चा में रहे हैं। ऐसे में राजद का अपने वोटबैंक को खुश रखने के लिए हनुमंत कथा का विरोध लाजमी है।
भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने साफ तौर पर कहा कि तेजस्वी यादव वहीं जाना पसंद करते हैं, जहां जालीदार टोपी हो। उन्होंने कहा कि हनुमंत कथा से वोट बैंक की राजनीति पूरी नहीं हो रही है इसलिए तेजस्वी यादव बागेश्वर बाबा के दरबार में नहीं जा रहे हैं।
इस बीच, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी सिर्फ इतना कहते हैं कि देश संविधान से चलता है और चलेगा।
--आईएएनएस
Rani Sahu
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