पटना. छपरा के भगवान बाजार थाना क्षेत्र में पांच सितंबर को बरेली के सोना कारोबारी अभिलाष वर्मा से 60 लाख का सोना व पांच लाख कैश लूट की घटना का मास्टरमाइंड बीएमपी पांच का जवान शशिभूषण सिंह निकला. छपरा के भगवान बाजार थाने की पुलिस टीम ने शनिवार को रूपसपुर थाने के गंगा नगर कॉलोनी इलाके से उसे एक अन्य सहयोगी के साथ पकड़ लिया. हालांकि उसके जाने के बाद अपहरण का हल्ला उड़ा और रूपसपुर थाने में परिजनों ने लिखित आवेदन भी दे दिया. लेकिन बाद में जांच में यह पता चला कि वह छपरा के भगवान बाजार थाना क्षेत्र में हुई लूटपाट का मास्टरमाइंड है.
सिपाही का अपहरण नहीं हुआ है
शशिभूषण सिंह मूल रूप से आरा का रहने वाला है. यह एसटीएफ में भी ड्यूटी कर चुका है. सूत्रों के अनुसार, जवान से गिरोह के अन्य सदस्यों के संबंध में पूछताछ की जा रही है. एसएसपी डाॅ मानवजीत सिंह ढिल्लो ने केवल यह बताया कि सिपाही का अपहरण नहीं हुआ है, उसे कुछ लोग अपने साथ ले गये हैं. गौरतलब है कि पांच सितंबर को हुई इस लूट की घटना के मामले में भगवान बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी
मूलरूप से आरा के पूरा गांव का रहने वाला है सिपाही
सिपाही शशि भूषण मूल रूप से आरा के पूरा गांव के रहने वाला है और दो वर्ष पूर्व वह एसटीएफ में कार्यरत था. उनका स्थानांतरण बीएमपी 5 में लाइन बाबू के यहां मुंशी के पद पर हुआ था. इसके पहले रूपसपुर थाने के गंगानगर भट्टा रूपसपुर किराये के मकान में रहने वाले आरक्षी शशि भूषण सिंह की पत्नी मंजू कुमारी सिंह ने थाने में लिखित शिकायत की.
जबरन एक बोलेरो गाड़ी में बैठा कर ले गये
सिपाही की पत्नी मंजू ने बताया कि उनके पति बीएमपी 5 में तैनात हैं. शनिवार सुबह सात बजे गंगा नगर में ही नवनिर्मित मकान निर्माण के लिए बालू गिरवाने गये थे. वहां के सुनील सिंह नामक ने फोन पर सूचना दी कि आपके पति को शिव मंदिर झंदी महुआबाग के पास से तीन-चार की संख्या में रहे लोग जबरन एक बोलेरो गाड़ी में बैठा कर ले गये. सूचना के बाद पति के मोबाइल पर फोन किया तो मोबाइल बंद आया. फिर वह उनके व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा, मैसेज रिसीव भी हुआ, पर थोड़ी देर बाद व्हाट्सएप भी बंद हो गया.
मामले की छानबीन की जा रही है
इधर, पुलिस भी हैरान रही. थानाध्यक्ष रामानुज राम ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. इस मामले के जांच में जवान शशिभूषण सिंह की भूमिका सामने आयी और उसे किसी तरह से महुआबाग शिव मंदिर के पास बुलाया गया. इसके बाद उसे पुलिस ने अपने कब्जे में लिया और गुप्त स्थान की ओर निकल गयी. इधर, अपहरण की सूचना मिलने पर पटना पुलिस ने जांच की तो सारी सच्चाई सामने आ गयी. छपरा पुलिस उसे लेकर पटना पुलिस के साथ रूपसपुर स्थित उसके घर पहुंची और परिजनों से मिलवाने के बाद वापस लेकर चली गयी.
न्यूज़ क्रेडिट : prabhatkhabar