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बिहार। मीनापुर के मुकसुदपुर निवासी निरक्षर सुमित्रा देवी ने अपनी व्यक्तिगत लड़ाई को उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां से पीड़ितों के लिए धैर्य न खोने व अपनी लड़ाई जारी रखने की सीख मिलती है. वर्ष 2020 में पति की सड़क दुर्घटना में हुई मौत पर मिली अनुदान राशि जालसाज ने कागजी फरेब से हथिया ली थी. सुमित्रा ने कदम दर कदम अपनी लड़ाई को उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां जालसाज से रुपये वापस कराने में उसे सफलता मिली. हालांकि उसे अफसोस है कि उसे पैसे मिलने के बाद अधिकारियों ने जालसाजी में संलिप्त लोगों को बख्श दिया और उन्हें कोई सजा नहीं दी गई. सुमित्रा देवी के पति विंदेश्वर पासवान की मौत 2020 में एक सड़क दुर्घटना में हो गई. इसके बाद प्रशासन ने उसे भुला दिया. सुमित्रा ने सरकार से मिलने वाली चार लाख अनुदान की राशि के लिए अंचल कार्यालय में आवेदन दिया. किसी तरह दौड़ दौड़कर उसने चार लाख का चेक अंचलाधिकारी से प्राप्त किया. इसके बाद जब वह चेक लेकर बैंक में उसे जमा करने गई तो उसे बताया गया कि चेक गलत है, उसे जमा नहीं किया जा सकता. चेक लेकर सुमित्रा फिर अंचल कार्यालय दौड़ने लगी. अंचलाधिकारी ने उसे बताया कि उसे चेक सुधार पर दोबारा दे दिया जाएगा. इस इंतजार में वह बैठ गई. लेकिन उसके नाम का दूसरा चेक उसके खाते में पहुंच गया और जालसाज ने उसे भुना भी लिया. इसकी जानकारी मिलने के बाद सुमित्रा ने पहले अंचल कार्यालय में शिकायत की, जहां उसे फटकार कर भगा दिया गया, फिर शिकायत लेकर वह थाने गई, जहां उसे टका सा जवाब मिला कि मामला अंचल व बैंक का है. इसके बाद उसने किसी की मदद से लोक शिकायत में मामला दर्ज कराया. लोक शिकायत में मामला दर्ज होने के बाद चेक व राशि की खोज हुई तो पता चला कि उसके चेक की राशि राकेश कुमार द्वारा निकाली गई है. अपर समाहर्ता ने जब सीओ को 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर मामले में जवाब दाखिल करने को कहा तो आरोपी राकेश कुमार ने वह राशि पीड़िता को लौटा दी. इसके बाद लोक शिकायत प्राधिकार में मामले को समाप्त कर दिया गया.पीड़िता उठा रही सवाल, अधिकारी नहीं दे रहे जवाब
पीड़िता सुमित्रा देवी ने बताया कि उसे किसी तरह पैसे तो मिल गए, लेकिन इस जालसाजी में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों को साफ बचा लिया गया. मेरे खाते से राकेश कुमार ने पैसे कैसे निकाले, इसका कोई सही जवाब नहीं दे रहा है. इस मामले में जिनकी भी भूमिका संदिग्ध है, उनकी जिम्मेवारी तय कर उन्हें सजा दी जानी चाहिए.
इस मामले की जानकारी ली जाएगी. पैसे के भुगतान में दोषी पाये जाने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. संबंधित अधिकारी से रिपोर्ट की मांग की जा रही है.
- डॉ अजय कुमार, अपर समाहर्ता
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