बिहार

आठ वर्ष में भी नहीं खुला केउर हाईस्कूल के नये भवन का ताला

Admin Delhi 1
11 March 2023 10:03 AM GMT
आठ वर्ष में भी नहीं खुला केउर हाईस्कूल के नये भवन का ताला
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बेगूसराय न्यूज़: हुलासगंज प्रखंड अंतर्गत ऐतिहासिक धरोहरों बाला गांव केउर जहां आसपास के गांव के छात्र छात्राओं को हाई स्कूल तक की शिक्षा में सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से केउर गांव में वर्ष 2015 में नवनिर्मित हाई स्कूल का भवन तैयार हो गया लेकिन लगभग 8 वर्ष बाद भी हाई स्कूल का ताला ज्यों का त्यों बंद है तथा परिसर में कटिली झाड़ियों से आना जाना भी मुश्किल हो गया है.

ग्रामीणों ने बताया कि यहां जब स्कूल की नींव डाली गई थी तो लोगों में यह उम्मीद थी कि सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कदम उठाया जा रहा है जिससे सुदूर क्षेत्र के लोगों को भी लाभ मिलेगा. लेकिन 8 वर्ष बाद तक के ताला नहीं खुला तब सरकार की नीयत पर संदेह उत्पन्न होता है. ग्रामीणों द्वारा इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर अन्य अधिकारियों तक की गुहार लगाई गई तब जाकर यहां एक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति कर दी गई. लेकिन लोग इस बात को लेकर काफी हैरान हैं की एक शिक्षक की जो प्रतिनियुक्ति की गई है वह प्राइमरी स्कूल का शिक्षक है. आखिर प्राइमरी स्कूल का शिक्षक हाई स्कूल के छात्रों को और वह भी अकेला किस तरह शिक्षित कर सकता है. यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है. इस संबंध में केउर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश रंजन ने बताया कि मुख्य रूप से इस तरह के व्यवस्था की जिम्मेवारी जिला शिक्षा अधीक्षक की है और ऐसे अधिकारियों द्वारा जानबूझकर बिहार सरकार को बदनाम करने की साजिश है. ग्रामीणों ने बताया कि हाई स्कूल की पढ़ाई नहीं होने के कारण यहां के छात्र छात्राओं को 5 किलोमीटर दूरी तय करके दूसरे जगह पर जाना पड़ रहा है. केउर हाई स्कूल में लगभग कुल मिलाकर 170 छात्र नामांकित हैं. लेकिन शिक्षक के अभाव में सभी छात्रों की पढ़ाई मिडिल स्कूल के भवन में मिडिल स्कूल के शिक्षकों द्वारा की जाती है. छात्र अनुपम कुमार ने बताया कि अगर सिलेबस की बात की जाए तो कभी पूरी नहीं होती है केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है .अन्य छात्रों ने बताया कि पढ़ाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण हम लोग निजी कोचिंग एवं ट्यूशन पर ही आश्रित हैं.

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