दरभंगा: 15 राज्य और एक केन्द्र शासित प्रदेश की कुल 195 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किये. लेकिन इनमें बिहार की एक भी सीट शामिल नहीं है. वह भी तब जबकि पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में उम्मीदवारों के ऐलान कर दिए गये हैं. बिहार में भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा इसलिए नहीं हो पायी है क्योंकि सहयोगी दलों के साथ सीटों पर अभी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. कुछ सीटों पर पेच भी फंसा है. यह भी तय होना बाकी है कि लोजपा के दोनों गुट, उपेन्द्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी कितनी-कितनी सीटों पर तथा कहां-कहां लड़ेंगे. भाजपा सूत्रों की मानें तो 6 को केन्द्रीय चुनाव समिति की दिल्ली में बैठक होगी. इसके एक दिन पहले बिहार चुनाव टीम के साथ केन्द्रीय टीम बैठेगी. बिहार में भाजपा के 17 सांसद हैं और इतनी ही सीटों पर उसकी तैयारी भी है. हर सीट के लिए पार्टी द्वारा घोषित आब्जर्वरों ने तीन-तीन दावेदारों की सूची भी सौंप दी है. बिहार चुनाव कमेटी ने भी प्रत्याशियों के नाम केन्द्रीय समिति को भेज दिये हैं. हालांकि दावेदारों की घोषणा के पहले एनडीए में कुछ सीटों की अदलाबदली के भी आसार हैं. ये ऐसी सीटें हैं जो अभी जदयू या भाजपा के कब्जे में हैं. मांझी की दावेदारी गया सीट पर है, यहां जदयू के सांसद हैं. उपेन्द्र कुशवाहा काराकाट चाहते हैं यहां भी जदयू के महाबली सिंह पिछली बार जीते थे. गया, काराकाट के अलावा मुंगेर, वैशाली, नवादा समेत कुछ और सीटों पर बदलेन के आसार हैं. हाजीपुर सीट पर भी चाचा पशुपति पारस तथा भतीजा चिराग पासवान दोनों दावेदारी ठोंक रहे हैं.
सहयोगी दलों से बातचीत होगी: जानकारी के मुताबिक भले ही बिहार में एनडीए के दो प्रमुख दल भाजपा और जदयू के बीच क्रमश: 17 और 16 सीटों पर बातचीत हो चुकी है लेकिन अन्य साझीदारों के साथ अंतिम व निर्णायक बातचीत होनी बाकी है. यहां एनडीए में अभी छह दल हैं. भाजपा-जदयू के अलावा लोजपा के दोनों गुट, उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा और मांझी की हम पार्टी. मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी की भी बातचीत जारी है. एनडीए सूत्रों की मानें तो अगले एक-दो दिन में एनडीए घटक दलों के बीच सीटों पर सहमति हो जाएगी. उसके बाद सीट दलवार चिन्हित कर लिये जायें. इसके साथ ही उम्मीदवारों की घोषणा भी होने लगेगी.