पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि बिहार सरकार ने 28 नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर तथाकथित अति पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना पुरानी अधिसूचना पर ही आनन-फानन में चुनाव की घोषणा कर दी है, जिससे एक बार फिर सरकार की फजीहत होने वाली है।
श्री मोदी ने गुरुवार को बयान जारी नगर निकाय चुनाव से संबंधित मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्टत: अति पिछड़ा आयोग को काम करने से रोक दिया था, उसके बावजूद आयोग को 30 तारीख तक काम करने दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि अति पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट को क्यों नहीं सार्वजनिक किया गया । क्या जनता को यह जानने का अधिकार नहीं है कि कौन सी जातियों को राजनीतिक आरक्षण मिलेगा, किन्हें वंचित किया गया या यथावत स्थिति रहेगी।
भाजपा सांसद ने कहा कि जब नई रिपोर्ट आ गई तो नए सिरे से आरक्षण का निर्धारण कर नए सिरे से चुनाव कराया जाना चाहिए था लेकिन पुरानी अधिसूचना के आधार पर चुनाव कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकना पूर्णतया असंवैधानिक होगा।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए चुनाव कराना चाहिए ताकि नगर निकाय चुनाव को फिर स्थगित नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि श्री नीतीश कुमार के अहंकार और अति पिछड़ा विरोधी मानसिकता के कारण एक बार फिर सरकार की फजीहत होने वाली है।