गया न्यूज़: गया में भीषण गर्मी का सितम जारी है, जिससे आम लोगों से लेकर जेल में बंद कैदी तक परेशान हैं. इन दिनों गया केंद्रीय कारा में बंद कैदियों को गर्मी से अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी लगने का सबसे बड़ा कारण यह है कि पुराने जमाने के बने जेल की खिड़कियों में दरवाजे तक नहीं हैं. ऐसे में अंदर आती धूप व गर्म हवाओं बंदियों की परेशानी बढ़ा दी है. गर्मी को देखते हुए 12 बजे ही कैदियों को वार्ड में प्रवेश करा दिया जा रहा है, लेकिन खिड़कियों से आती गर्म हवाएं कैदियों को परेशान करती है. बाहर परिसर में घूमने से लू लगने की संभावना बनी रहेगी. चार बजे के बाद ही वार्ड से फिर परिसर में निकाला जाता है.
खिड़कियों में कंबल व टाट लगाकर गर्म हवा से बचने का प्रयास ऐसे में इन खिड़कियों में कंबल व टाट लगातार गर्म हवा से बचने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं देर शाम जब धूप समाप्त हो जाता है तो बंदियों को थोड़ी राहत मिल रही है.
कारा में वर्तमान समय में क्षमता से अधिक है बंदी एक तो गर्मी वहीं क्षमता से अधिक बंदी भी यहां वर्तमान समय में है. कारा में बंदियों को रखने की कुल क्षमता 2606 है. जिसमें 2482 पुरूष व 124 महिला को रखने की क्षमता है. ऐसे में यहां वर्तमान समय में 2895 पुरुष व 192 महिला बंदी है.
लू से बचाव के लिए जेले प्रशासन की ओर से हर संभव किया जा रहा प्रयास
कारा अधीक्षक डा. विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि यह सच है कि इस भीषण गर्मी में आमलोग की तरह यहां के बंदी भी परेशान है. इन्हे लू व गर्म हवाओं से बचाने के लिए खिड़कियों को दिन में कंबल, चादर व टाट से बंद कर दिया जा रहा है, जिससे कि थोड़ी राहत मिले. वहीं सभी वार्ड में बंदियों को ठंडा पानी मिले इसके लिए मिट्टी का घड़ा रख दिया गया है.
जलस्तर नीचे जाने के कारण बोरिंग फेल होने से भी कैदियों को कारा में हो रही परेशानी
यहां कुल 24 बोरिंग है, जिसमें से जलस्तर नीचे चले जाने के कारण आठ बोरिंग पानी नही दे रहा है. वहीं आठ बोरिंग से रूक-रूक कर थोड़ा पानी मिल रहा है. वहीं आठ बोरिंग सुचारू रूप से चल रहा है. पानी की कमी को दूर करने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से एक टैंकर पानी प्रतिदिन कारा में आ रहा है. कारा अधीक्षक ने कहा कि अगर दो बार टैंकर से पानी की आपूर्ति हो जाये तो बंदियों को राहत मिलेगा.