बिहार

जहरीली शराब का कहर, हंसते-खिलखिलाते परिवारों में अब पसरा सन्नाटा

jantaserishta.com
8 Nov 2021 11:18 AM GMT
जहरीली शराब का कहर, हंसते-खिलखिलाते परिवारों में अब पसरा सन्नाटा
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पश्चिमी चंपारण: बिहार में जहरीली शराब का दंश कई परिवारों ने झेला. कुछ दिन पहले तक हंसते-खिलखिलाते परिवारों में अब सन्नाटा पसरा हुआ है. खामोशी है, जिन घरों में शहनाई बजने वाली थी, अब उन घरों में मातम है. मन ही मन घुटती चीखें अंदर ही अंदर दफन हो रही हैं. घर के सदस्य को खोने के बाद आंखें इतनी रोईं कि अब पथरा गई हैं. जिस सदस्य पर पूरे परिवार का जिम्मा था, उसे जहरीली शराब ने निगल लिया. अब घर के लोगों को ये चिंता खाए जा रही है कि पिता के जाने के बाद बिटिया के हाथ कैसे पीले होंगे.

निशा और बिंदु ये नाम उन दो बेटियों के हैं जिनके अरमानों को जहरीली शराब ने उजाड़ दिया. दोनों चचेरी बहनों की शादी छठ बाद होनी थी, लेकिन निशा के पिता मदन राम और बिंदु के पिता धनीराम ने दिवाली की एक रात पहले शराब पी और दुनिया से चले गए. लेकिन अपने पीछे उन बेटियों को छोड़ गए, जिन्होंने कई सपने देखे, सोचा कि उनके पिता उनकी हर ख्वाहिश को पूरा करेंगे, धूमधाम से उनके हाथ पीले करेंगे, लेकिन उन घरों में अब शहनाई की जगह सिसकियां सुनाई देती हैं. बेटियों की शादी कैसे होगी, ये सोचकर ही मांओं का कलेजा फटा जा रहा है. धनीराम की तीन बेटियां हैं, सभी बालिग हैं, बेटियों की शादी होनी है, यही हाल मदनराम के परिवार का भी है.
बता दें कि पश्चिमी चंपारण के नौतन थाने के तेलुहा पंचायत में जहरीली शराब ने 16 लोगो की जान ले ली. हालांकि पोस्टमार्टम 13 लोगों का ही हुआ, लिहाजा सरकारी आंकड़ा 13 लोगों की मौत की ही गवाही दे रहा है. लेकिन सबसे ज्यादा त्रासदी दक्षिण तेलुहा पंचायत के वार्ड-3 में हुई. यहां जहरीली शराब से 10 लोगों की मौत हो गई. मरने वाले सभी प्रवासी मजदूर थे, जो दिवाली और छठ मनाने के लिए अपने घर आये थे.
सभी ने इसी वार्ड के मुन्नाराम और रामप्रकाश राम से शराब खरीद कर पी थी. हालांकि शराब बेचने वाले राम प्रकाश राम की भी मौत हो गई. लेकिन मुन्ना राम अभी भी फरार है. मृतक मदन राम के भाई विक्रम राम ने बताया कि सबसे पहले झखड़ी पंचायत के रमेश सहनी ने शराब पी थी. इसके बाद उसे लगा कि शराब जहरीली है, उसे घबराहट होने लगी. उसने शराब बेचने वाले मुन्नाराम को इस बारे में बताया भी था, कहा था कि शराब जहरीली हो गई है. इसमें कुछ गड़बड़ जरूर है. इसे फेंक दो, किसी दूसरे को मत बेचना. इसके बावजूद मुन्नाराम ने शराब बेची.
शातिर मुन्नाराम समझ गया था कि शराब में कोई न कोई गड़बड़ी है, इसलिए उसने शराब नहीं पी थी. हालंकि सभी लोग जानते थे कि गांव में शराब बिकती है, लेकिन शराब कहां से सप्लाई होती है, इसे बताने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. गोपालगंज के मोहम्मदपुर और पश्चिमी चंपारण के तेलुहा की घटनाएं एक जैसी हैं, दोनों क्षेत्र गंडक नदी के दोनों किनारे बसे हुए हैं.


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