संविदा बंद कर नियमित बहाली करे सरकार, नहीं तो होगा आंदोलन
कटिहार न्यूज़: न्यू पेंशन स्कीम की टेंशन से अराजपत्रित कर्मचारी परेशान है. परेशानी को दूर करने के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम सरकार को लागू करना चाहिए. ओपीएस लागू सरकार करने को बाध्य हो. इसके लिए सभी विभाग के अराजपत्रित कर्मचारियों को एकजुट होकर आंदोलन करना होगा.
यह बातें बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शाखा के तत्वावधान में आयोजित प्रदर्शन के क्रम में कर्मचारियों ने कही. महासंघ के जिला मंत्री सह संघर्ष संयुक्त राज्य मंत्री सुभाष चंद्र महतो के नेतृत्व में आयोजित प्रदर्शन कार्यक्रम में वक्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
वक्ताओं ने पीएफआरडीए कानून की वापसी के लिए राज्य सरकार के स्तर से कार्रवाई करने, ठेका संविदा, आउटसोर्सिंग की प्रथा पर रोक लगाने, समान काम के बदले समान वेतन तथा न्यूनतम वैद्यानिक रुपये 26 सौ रुपये का भुगतान करने, सभी विभाग में रिक्त पड़े पदों को नियमित बहाली से भरने, कर्मचारी व पेंशनरों को जनवरी 2020 के प्रभाव से देय महंभाई भत्ते, राहत की किश्तो का बकाया करने, राज्य वेतन आयाुक की न्अनुशंशा के आधार पर पूर्व की तरह सचिवालय सहायक के 25 प्रतिशत पदों को क्षेत्रीय स्थापना के स्नातक अनुसचिविय कर्मचारियों से सीमित परीक्षा के माध्यम से भरने, झारखंड राज्य समाहरणायल लिपिकीय संवर्ग सेवा नियमावली के तर्ज पर राज्य के कलेक्ट्रेट संवर्ग के लिपिकों को पद एवं वेतनमान का लाभ देने, ममता कार्यकर्त्ताओं को मानदेय देने, समझौते के अनुसार फार्मासिस्टों को ग्रेड पे 2 वर्ष बाद 28सौ से 42सौ रुपये करने, वर्ष 2013 के बाद सभी हड़ताल अवधियों को विनियोजित करने, संवर्गीय प्रोन्नति पर लगाई गयी रोक को तत्काल समाप्त करने सहित अन्य मांगों को पूर्ति करने को लेकर आवाज बुलंद की. मौके पर जयप्रकाश, रामानंद कुमार, मनोज कुमार, शैलेन्द्र पांडेय, संयुक्त मंत्री किरण देवी, महासंघ के महिला उप संयोजिका अनुपमा आदि थे.