पटना न्यूज़: राज्य में सात बाइपास के निर्माण की स्वीकृति का लंबे समय से इंतजार है. शहरों को जाम से मुक्ति दिलाने और यात्रा को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार ने इसका प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, लेकिन अबतक इसके निर्माण की स्वीकृति नहीं मिली है. इन बाइपास के बन जाने से कई जिलों के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. जाम से मुक्ति मिलेगी. पथ निर्माण विभाग की ओर से केंद्रीय परिवहन एवं सड़क मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा था. इनके निर्माण की स्वीकृति को लेकर विभाग के पदाधिकारी निरंतर संपर्क में हैं. सभी बाइपास के निर्माण की जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है.
इसकी कार्रवाई चल रही है. इसी क्रम में स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी के पास इसकी स्वीकृति की फाइल भेज दी गई है. यहां से सहमति मिलते ही निर्माण की स्वीकृति मिलेगी. मंत्रालय से दी गई जानकारी में साफ किया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 333-ए के 72 किमी से 143 किमी के चौड़ीकरण का कार्य शुरू करने के पहले की गतिविधियों को पूरा तथा मानगोबांदर, केंदुआ, टोलासोनो, झाझा, नरगंजो और भैरोगंज बाइपास के निर्माण को लेकर 746.73 करोड़ की स्वीकृति देने की प्रक्रिया चल रही है. इन छह बाइपास में 41 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होना है. राजमार्ग 33-ए बिहार से झारखंड को भी जोड़ता है. बिहार में यह सड़क बरबीघा, शेखपुरा, जमुई, झाझा और बांका तक जाती है. इस तरह उक्त जगहों पर बाइपास बन जाने से बिहार से झारखंड तक की यात्रा भी सुगम होगी. शेखपुरा, जमुई और बांका जिले तथा आसपास के इलाकों की बड़ी आबादी को इसका सीधा लाभ मिलेगा. इनमें मानगोबांदर, केंदुआ, टोलासोनो, झाझा और नरगंजो जमुई जिले और भैरोगंज बांका जिले में स्थापित हैं.