बिहार

जाम से जूझना ही मोतिहारी शहर की नियति

Shantanu Roy
4 Nov 2022 6:11 PM GMT
जाम से जूझना ही मोतिहारी शहर की नियति
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बड़ी खबर
मोतिहारी। आबादी के मामले में पटना के बाद बिहार का दूसरा सबसे बड़ा जिला पूर्वी चंपारण का मुख्यालय मोतिहारी शहर कई वर्षों से सड़क जाम की समस्या से जूझ रहा है। अक्सर सड़क जाम में फंसकर चीटिंयो के समान रेंगते हुए पांच मिनट का सफर घंटों मे पूरा करने को विवश है।मोतिहारी शहर नगरपालिका से नगर परिषद और अब 46 वार्डों का नगर निगम बन गया है,लेकिन चौपट ट्रैफिक व्यवस्था,अतिक्रमण और 60 लाख की आबादी वाले जिला के मुख्यालय शहर में अतिरिक्त सड़क निर्माण न होने के कारण हालात दिनो दिन बदतर ही होती जा रही है। जाम की समस्या केवल एकाध जगह ही नही बल्कि शहर को दो भागो में बांटने वाली प्रकृति के अनुपम उपहार मोतीझील के दोनों भागो में समान रूप से विद्यमान है।शहर के कचहरी चौक,बलुआ चौक,चांदमारी चौक,हाॅस्पिटल चौक,जानपुल चौक,प्रधान पथ,मधुबन छावनी,गांधी चौक व छतौनी चौक सहित अन्य सभी जगह एक समान रूप से जाम का झाम कायम है। स्थानीय लोगो की माने तो विगत तीस वर्षो में इस शहर की पुरानी सड़कों पर बोझ कम करने के लिए कोई अतिरिक्त सड़क का निर्माण नही किया गया।वही पुरानी सड़क सड़क भी अतिक्रमण के कारण सिकुड़ती गई।शहर के मोतीझील व जानपुल के जर्जर पुल को छोड़ दे तो कोई नया सड़क का निर्माण तीन दशक में नही किया जा सका।इतना ही नही शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में भी किसी अतिरिक्त सड़क निर्माण पर कार्ययोजना नही बनाई जा सकी,ताकि शहर के प्रमुख मार्गों पर बोझ कम किया जा सके। तौर और पुरानी सड़क जैसे ज्ञानबाबू चौक से पंचमंदिर होते।
धर्मसमाज या नई सड़क स्टेशन रोड से जानपुल वृक्षा स्थान होते भवानीपुर जिरात या स्टेशन रोड से बेलबनवा व गायत्री नगर होते मोतीझील के किनारे भी विगत तीस वर्षो में सड़क निर्माण की केवल घोषणाएं होती रही लेकिन कुछ भी काम नही हो सका।वही चैलाहां से चिलवनियां एकौना आजाद नगर होते रधुनाथपुर व रघुनाथपुर से मोतिहारी कोर्ट तक धनौती नदी के किनारे सड़क निर्माण नही हो सका। भले ही इन सड़को का निर्माण की घोषणा से नेता लोग वोट की फसल तो अधिकारी लोग वाहवाही लूटते रहे। शहर के सिविल सोसाइटी के लोगो ने बताया कि मोतिहारी में तेज शहरीकरण और शहर के बीच से बिना फ्लाईओवर के गुजरने वाली रेलवे ट्रैक ने भी कम मुसीबत नही बढाई है।रेल अधीक्षक राकेश त्रिपाठी के अनुसार इस समय मोतिहारी स्टेशन होकर 22 जोड़ी यात्री गाड़ी व लगभग 10 जोड़ी माल गाड़ी ट्रेन गुजरती है,लिहाजा रेल गुमटी बंद होते ही शहर के दोनों ओर भयंकर जाम लग जाती है।शहर में एकमात्र बलुआ गुमटी पर एक फ्लाईओवर बनी है लेकिन वह पुल गलत वास्तुकारिता के कारण जाम की मुसीबत घटाने के बजाय बढाने में ही सहयोग कर रहा है।इतना ही नही एनएच-28 पर छतौनी चौक व सिंघिया गुमटी पर भी फ्लाईओवर नही होने के कारण जाम की मुसीबत बढ ही रही है। सिंघिया गुमटी पर विगत चालीस साल से बन रही फ्लाईओवर अब तक निर्माणाधीन होने से शहर जाम में ही डूबा रहता है।मोतिहारी सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रेष्ठ अनुपम ने जाम की समस्या पर पूछे जाने पर बताया कि जल्द ही इस समस्या की समीक्षा कर इस पर बेहतर तरीके से काम किया जायेगा।जिससे शहर के सड़क पर निर्बाध रूप से आवागमन बहाल रहे।फिलहाल जाम के झाम से जूझते लोग मन ही मन अपने भाग्य को कोसते इस समस्या का स्थायी समाधान की आस देख रहे है।
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