बिहार

नेपाल में हो रही बारिश का असर बिहार में दिखने लगा, कई नदियों में बढ़ा पानी, मानसून से पहले ही उफनाईं कोसी-कमला और बलान

Renuka Sahu
6 Jun 2022 5:52 AM GMT
The effect of rain in Nepal started showing in Bihar, water increased in many rivers, Kosi-Kamala and Balan swelled before monsoon
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फाइल फोटो 

बिहार में अभी मानसून ने दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन यहां की नदियों में उफान शुरु हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में अभी मानसून ने दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन यहां की नदियों में उफान शुरु हो गया है। हाल यह है कि कोसी और कमला बलान अभी ही खतरे के निशान को पार कर गयी है, जबकि सीमांचल की कई नदियों की बाढ़ ने कहर बरपाना शुरु कर दिया है। कोसी- सहरसा में पिछली रात ही लाल निशान को पार कर गयी जबकि कमला बलान का जलस्तर रविवार को झंझारपुर में खतरे के निशान को पार कर गया। हालांकि अन्य नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे ही बह रही हैं।

कोसी और कमला बलान के अप्रत्याशित व्यवहार से मौसम विशेषज्ञ भी हैरान हैं। सामान्यत: कोसी या अन्य नदियों में जून के अंत में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। लेकिन, पहली बार कोसी और कमला बलान जून के पहले ही सप्ताह में उफना रही है। उधर, सीमांचल की कई नदियों के जलस्तर पर नेपाल की बारिश का सीधा प्रभाव पड़ रहा है। महानंदा और परमान जैसी बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है जबकि नोनी नदी ने तो कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इसके पानी से कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
राज्य सरकार ने इस साल बाढ़ की अवधि को बढ़ा दिया है और उसे 1 जून से ही मान्य कर दिया है। इसीलिए कोसी के इस अप्रत्याशित जलस्राव की परस्पर निगरानी हो सकी। सामान्यत: सूबे में बाढ़ अवधि की गणना 15 जून से 31 अक्टूबर तक होती है। दरअसल, नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी समेत कई नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सहरसा के बलुआहा ब्रिज पर बीती रात कोसी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गयी। लेकिन कुछ ही देर में इसका जलस्तर नीचे आ गया। कई अन्य स्थानों पर भी कोसी का जलस्तर बढ़ रहा है।
बाढ़ अवधि के लिए 11 रिटायर विशेषज्ञ इंजीनियरों की सेवा लेगी सरकार
जल संसाधन विभाग ने बाढ़ अवधि में संवेदनशील स्थलों की निगरानी करने और आसन्न खतरों को देखते हुए परामर्श देने को 11 रिटायर विशेषज्ञ इंजीनियरों को विशेष जिम्मेवारी सौंपी है। इन्हें मुख्य अभियंता के परिक्षेत्र में बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष के रूप में पदस्थापित किया गया है। इसमें वीरपुर परिक्षेत्र के वीरपुर अंचल के लिए सहजानंद सिंह व भपटियाही अंचल के लिए महेश प्रसाद ठाकुर, कटिहार परिक्षेत्र में कटिहार अंचल के लिए रवींद्र कुमार व भागलपुर अंचल के लिए राजीव कुमार चौरसिया, समस्तीपुर परिक्षेत्र के दरभंगा अंचल के लिए देवेंद्र झा व खगड़िया अंचल के लिए मोदनारायण चौधरी, पटना परिक्षेत्र के लिए शीतल चन्द्र झा व किशोर कुमार, गोपालगंज परिक्षेत्र के लिए मो. अब्दुल हमीद और मुजफ्फरपुर परिक्षेत्र के मोतिहारी अंचल के लिए रामसेवक शर्मा व मुजफ्फरपुर अंचल के लिए नलिनी रंजन प्रसाद को जिम्मेवारी दी गयी है। सभी रिटायर अधीक्षण अभियंता हैं।
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