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Bihar। इस प्रचलित कथन का भाव झारखंड के चतरा जिले की चार वर्षीया बच्ची पर सटीक बैठता है, जिसे घर में दरवाजा नहीं रहने के लिए सोयी अवस्था में कुत्ता उठा ले गया और उसे बुरी तरह लहूलुहान कर दिया है. अब बच्ची का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया के सर्जरी वार्ड में चल रहा है. उसकी हालत नाजुक है. उसके दोनों गालों में करीब 24 टांके लगे हैं. उसका चेहरा बुरी तरह बदरूप हो चुका है. उसका जीवन बचाने के लिए डॉक्टरों की टीम जुटी हुई है. अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही बच्ची झारखंड के चतरा जिले के हंटरगंज थाना क्षेत्र स्थित कोबना गांव की रहनेवाली है.
बच्ची के पिता प्रमोद मांझी ने बताया कि घर में दरवाजा नहीं रहने के कारण हर वक्त जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है. पहले भी कई बार जंगली जानवर उनके परिजनों पर हमला कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात बिना दरवाजे वाले घर में उनकी चार वर्षीय बेटी सोनी कुमारी अपनी दादी के साथ सोयी थी. बच्ची किसी तरह खाट से नीचे उतर गयी. इस बीच, किसी कुत्ते ने बच्ची पर हमला कर दिया. बच्ची रोयी, लेकिन कोई उसकी आवाज नहीं सुन सका. बाहर खेत में सुबह बच्ची बुरी तरह घायल अवस्था में मिली.
बुधवार को हंटरगंज पीएचसी ले जाने पर वहां से गया रेफर कर दिया गया है. मगध मेडिकल में बच्ची का इलाज कर रहे सर्जरी के डॉक्टर केके सिन्हा ने बताया कि बच्ची का चेहरा बुरी तरह कटा हुआ है. किसी जानवर के काटने की आशंका है. दोनों गालों में दो दर्जन टांके लगे हैं. बच्ची को एंटी रैबीज का इंजेक्शन भी दिया जा रहा है. शुरू के दिन से अब कुछ स्थिति बेहतर है. लेकिन, उसका जीवन अब भी खतरे से बाहर नहीं है. उसे बचाने में डॉक्टरों की टीम लगी हुई है. कोशिश की जा रही है कि बच्ची को स्वस्थ कर लिया जाये.
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