बिहार

रोहतास में भर्ती शिशुओं की मृत्यु दर 4.5 फीसदी से कम हुई

Admin Delhi 1
7 Sep 2023 4:48 AM GMT
रोहतास में भर्ती शिशुओं की मृत्यु दर 4.5 फीसदी से कम हुई
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लगातार हो रहे मॉनिटरिंग का फायदा जिले की एसएनसीयू इकाई में देखने को मिलने लगा

रोहतास: राज्य स्तर से लगातार हो रहे मॉनिटरिंग का फायदा जिले की एसएनसीयू इकाई में देखने को मिलने लगा है. सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में भर्ती शिशुओं की मृत्यु दर में लगातार कमी देखी जा रही है. अगस्त माह में भर्ती हुए नवजातों का मृत्यु दर करीब चार फीसदी रहा है. जबकि, विगत तीन माह में भर्ती हुए नवजातों का मृत्यु दर 4.5 फीसदी ही रहा है. जबकि, पूर्व के वर्ष में मृत्यु दर ज्यादा थी. सदर अस्पताल की एसएनसीयू सबसे बेहतर इकाई माना जाता है. क्योंकि बच्चों के बेहतर इलाज कर शिशु मृत्यु दर को कम करने में कारगर साबित हो रहा है. विगत तीन माह में सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू वार्ड में 471 गंभीर रूप से बीमार नवजात भर्ती हुए हैं. भर्ती 449 नवजात स्वस्थ होकर घर लौटे. सदर अस्पताल स्थित 20 बेड वाली एसएनसीयू में औसतन हर महीने 160 नवजात भर्ती हो रहे हैं. विगत जून माह में कुल 162 नवजातों को भर्ती कराया गया था. इसमें केवल आठ बच्चों की मौत हुई थी. वहीं जुलाई में कुल 143 भर्ती हुए. इसमें सात को नहीं बचाया जा सका. जबकि अगस्त में 166 नवजातों को भर्ती कराया गया. इसमें भी सात की मौत हुई है. पिछले छह माह की बात करें तो एसएनसीयू में भर्ती नवजातों की मृत्यु दर 4.5 से 5 प्रतिशत प्रतिमाह रही है. सरकार लगातार प्रयासरत है.

अस्पतालों की स्थिति में लगातार हो रहा सुधार

सीएस डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा हैं. सरकार के निर्देश पर सभी कार्यों को बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है. सदर अस्पताल में नवनिर्मित मातृ-शिशु अस्पताल के शुरू होने पर स्थिति और बेहतर होगी.

सदर अस्पताल की एसएनसीयू में डेहरी, बिक्रमगंज अनुमंडल अस्पताल के साथ जिले की सभी प्रखंडों में स्थित पीएचसी के साथ निजी क्लीनिकों में भी जन्में बच्चों को आपातकालीन स्थिति में भर्ती कराया जाता है. सदर अस्पताल में जन्में बच्चों की अपेक्षा अन्य अस्पतालों में जन्मे बच्चों की मृत्यु दर अधिक देखी जा रही है. जिसका मुख्य कारण उक्त स्थान से एसएनसीयू तक लाने में हो रही देरी को बताया जाता है. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में न्यू बोर्न केयर कॉर्नर बनाए गए हैं.

जहां असमय, कमजोर बच्चे व जन्म के दौरान सांस लेने में तकलीफ वाले को तुरंत इलाज प्रदान की जाती है.

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