अदालत ने सात दिनों के अंदर जुर्माना जिला विधिक सेवा प्राधिकार में जमा करने का दिया आदेश
रोहतास न्यूज़: दालत के आदेश के बाद भी जुलूस पर जानलेवा हमले के अलावा अपहरण व दुराचार मामले के आरोपितों को गिरफ्तार नहीं करने और कोर्ट की मांग पर अस्पष्ट तमिला प्रतिवेदन देने पर अपर जिला जज एक मनोज कुमार की अदालत में रोहतास एसपी पर 15000 रुपए का जुर्माना लगाया है. अदालत ने सात दिनों के अंदर जुर्माना जिला विधिक सेवा प्राधिकार में जमा करने का आदेश दिया है. साथ ही मामले में न्यायालय ने डीआईजी को पत्र लिखकर एसपी को न्यायालय में 27 जनवरी को सदेह उपस्थित कराने का आदेश दिया है. पूरे मामले से कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक बिहार पटना, डीएम और डीआईजी शाहाबाद रेंज को अवगत कराने का भी आदेश दिया है. साथ ही अगली तिथि पर सदेह उपस्थित होकर जवाब देने को कहा है. बताया जाता है कि शिवसागर थाना क्षेत्र के पखनारी गांव के पास जुलूस पर हमला करने के करीब 33 साल पुराने मामले में सात आरोपितों की पेशी को लेकर पूर्व में गैर जमानती वारंट जारी किया था. बाद में न्यायालय ने उनके विरुद्ध कुर्की-जब्ती का आदेश दिया था. लेकिन थानाध्यक्ष द्वारा अस्पष्ट प्रतिवेदन न्यायालय में पेश करने के मामले में पुलिस की लापरवाही को देखते हुए एसपी को अदालत में सदेह उपस्थित होने के साथ उन पर 50000 रुपए का जुर्माना लगाया था.
33 साल में आरोपितों को पेश नहीं करने पर नाराजगी: एक अन्य मामले में कोचस थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी के अपहरण और दुराचार के करीब 33 साल पुराने मामले में आरोपितों को अदालत में पेश नहीं करने व कोर्ट की मांग पर अस्पष्ट तामिला प्रतिवेदन देने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने एसपी पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया है. साथ ही मामले में एसपी व थानाध्यक्ष को कारण पृच्छा नोटिस जारी करते हुए अगली तिथि पर सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने आठ फरवरी की तिथि निर्धारित की है.