
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सहरसा। शहर के प्रमण्डलीय पुस्तकालय परिसर में साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था संस्कृति मिथिला की एक बैठक आयोजित की गयी । अध्यक्ष रामकुमार सिंह के सभापतित्व और युवा लेखक कुमार विक्रमादित्य के संचालन में आयोजित इस बैठक में वर्तमान बिहार सरकार द्वारा मैथिली भाषा को खण्डित करने का षडयंत्र की जमकर निन्दा की गयी। साहित्यकार शैलेन्द्र शैली ने कहा कि सरकार को भाषा विज्ञान का अध्ययन कर भाषा सम्बंधित कोई कदम उठाना चाहिए । मैथिली भाषा के प्रति सरकारी षडयंत्र बिहार की भाषा-संसार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उपाध्यक्ष सुभाषचंद्र झा ने कहा कि संस्था का प्रतिनिधि मंडल शीघ्र ही शिक्षा मंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा।
साहित्यकार और संस्कृतिकर्मी किसलय कृष्ण ने कहा कि लगातार मैथिली भाषा को खण्डित कर सरकारी दमन किया जाता है। यदि सरकार भाषा सम्बन्धी नीति को निर्धारित करने हेतु भारतीय भाषा सर्वेक्षण का अनुपालन नहीं किया तो संस्कृति मिथिला उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया जाएगा। बैठक में संस्था के आगामी कार्यक्रम आयोजन पर विस्तृत चर्चा की गयी।जिसके अंतर्गत शरद पूर्णिमा को जागरा के अवसर पर मैथिली कवि सम्मेलन के आयोजन पर विचार किया गया।अध्यक्ष रामकुमार सिंह ने संस्था की ताजा उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्था निरन्तर भाषा-संस्कृति के विकास के लिये निरन्तर क्रियाशील है। बैठक में युवा रचनाकार मैथिल यायावर, दिलीप झा दर्दी, अनन्त वर्मा, संदीप कश्यप, रजनीश, भोगेन्द्र शर्मा,निर्मल,मनोज कुमार आदि उपस्थिति रहे।
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