बिहार

बह गया सनौडी से जय किशन नगला मार्ग का पुल, कासगंज के एक दर्जन गांव का संपर्क टूटा

Tara Tandi
20 Aug 2023 10:15 AM GMT
बह गया सनौडी से जय किशन नगला मार्ग का पुल, कासगंज के एक दर्जन गांव का संपर्क टूटा
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कासगंज जिले में बाढ़ का कहर निरंतर जारी है। रविवार को यह कहर और तीव्र हो गया। बाढ़ का दायरा 40 गांव की सीमा को लांघकर 70 गांव तक जा पहुंचा। बाढ़ के पानी के दबाव से कादरगंज और नरदौली के गंगा के बांध कट गए। इसके कारण कई गांव की ओर बाढ़ का पानी तेजी से पहुंचने लगा। वहीं सनौडी से जय किशन नगला मार्ग का पुल बह गया, जिससे एक दर्जन गांव का संपर्क टूट गया। यहां से गुजरने वाली गाड़ियां थम गईं।बांध कटने से गंगा के तटीय इलाकों में बेचैनी फैल गई। लोग सुरक्षा के इंतजामों में जुट गए। स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। अभी बाढ़ का पानी और इलाकों में भी पहुंच रहा है। जिले में 70 किलोमीटर के क्षेत्र में गंगा की धारा बहती है। गंगा की धारा से लगा इलाका पूरी तरह से जलमग्न है। स्थिति लगातार बिगड़ रही है। सिंचाई विभाग अलर्ट है।कादरगंज पर गंगा का बांध शुक्रवार रात कट गया। लोगों को इस बांध के कटने की उम्मीद नहीं थी। कादरगंज पर गंगा का एक बांध पहले भी कट चुका है। कादरगंज का यह दूसरा बड़ा बांध था। यह बांध का करीब 20 मीटर का हिस्सा कट गया। रात के समय लोगों को बांध के कटने की जानकारी नहीं हुई। सुबह जब उठे तो कई इलाकों में पानी ही पानी था। कादरगंज इलाके के खेत जलमग्न थे।
यहां भरा बाढ़ का पानी
वहीं इंदाजसनपुर, नीबिया, पीतमनगर हरौड़ा, असदगढ़ किला, सनौड़ी व आसपास के तमाम ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया। यही स्थिति दोपहर के बाद नरदौली में हुई। जहां नरदौलीखाम के पास मनरेगा का सहायक बांध कट गया। बांध कटने से नरदौली व आस पास के इलाको में बाढ़ का पानी पहुंच गया, जिससे फसलें जलमग्न हो गईं। बाढ़ का पानी आबादी की ओर बढ़ रहा था। स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। गंजडुंडवारा पटियाली इलाके में बाढ़ की दहशत का माहौल बन गया। अफरातफरी के बीच लोग सुरक्षा के इंतजामों में जुट गए। बाढ़ का प्रकोप इतना तीव्र था कि सहवाजपुर, मूंजखेड़ा, उलाई, अजीतनगर, धरमपुर, रफातपुर, नागर के मार्गों पर कहीं दो फुट तो कहीं तीन फुट बाढ़ का पानी बह रहा था। अजीतनगर के पास तो सड़क की पुलिया कटने लगी, जिससे गहरा गड्ढा हो गया। इस पुलिया से निकलने वाले कई लोग चोटिल हो गए।
यहां जबरदस्त प्रकोप
पटियाली के गांव हंसीनगला में बाढ़ का जबरदस्त प्रकोप बन गया। जहां घरों और झोपड़ियों में पानी घुस गया। लोग बाढ़ के पानी से बेहद परेशान हो गए। ग्रामीणों ने अपना गल्ला व जरूरी सामान ऊंचाई के स्थानों, तखत आदि पर रखकर सुरक्षित किया। झोपड़ियों में पानी इतना अधिक भरा हुआ था कि लोग खाना बनाने के लिए परेशान हो गए। तमाम लोगों ने ऊंचाई वाले स्थान पर ईटों का चूल्हा बनाकर जैसे-तैसे खाने का इंतजाम किया। अजीतनगर गांव में पानी जबरदस्त प्रवाह के साथ बढ़ता जा रहा था। गांव के लोग बेहद परेशान हैं। तमाम लोग बैलगाड़ी और नाव के सहारे अपना जरूरी सामान ले जाते नजर आए। उलाईखेड़ा के नीरज ने बताया कि पूरे गांव में सड़क पर पानी भरा हुआ है। बाढ़ का प्रकोप और खतरा बढ़ता जा रहा है।
खेतों में कई फुट भरा पानी
खेतों में कई-कई फुट पानी भरा हुआ है। बाढ़ की ऐसी स्थिति फिलहाल के वर्षों में कभी नहीं हुई। बमनपुरा में भी लोग नाव से आवागमन करते रहे। रफातपुर, मोहन नगला, कैथोल सहित अन्य इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ था। बूढ़ी गंगा में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया। सिकंदरपुर ढाव, किलौनी, किसौल, सुन्नगढ़ी के इलाकों में भी बाढ़ से हालात काफी बिगड़ गए। लोग बाढ़ के पानी को रोकने की कवायद में जुटे रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। पूरे दिन बाढ़ का पानी बढ़ता रहा। सोरोंजी क्षेत्र के नगरिया-लहरा मार्ग पर भी बाढ़ का पानी एक ओर से दूसरी ओर जा रहा था। यहां खेतो में भी 4-5 फुट पानी था।
गंगा का रौद्र रूप
गंगा का रौद्र रूप देखकर ग्रामीणों में दहशत है। लहरा से पाठकपुर तक सड़क पर पानी बह रहा था। बघेला गांव में घुटनों तक पानी भरा हुआ था। लहरा से पाठकपुर होता हुआ बाढ़ का पानी सोरोंजी के नवदुर्गा मंदिर तक पहुंच गया। पाठकपुर के पश्चिमी छोर पर बसी आबादी चारों से बाढ़ के पानी से घिर गई। डिंगलेशनगर, दतलाना, कंडेलनगर, कादरवाड़ी, भिलौर, पिलोसराय, कुबेर नगरी आदि गांव में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया। अल्लीपुर बरबारा, डेलासराय की आबादी तक भी पानी की दस्तक हो गई। लहरा के चारों ओर पानी ही पानी था। आबादी का इलाका, मंदिर व लहरा के बाजार में बाढ़ का पानी भरा रहा। सड़क पार करके पश्चिम से पूरब की ओर चलता रहा। लहरा से बघेला जाने वाला मार्ग भी पूरी तरह से जलमग्न था। इस मार्ग पर भी पूरी तरह से पानी भरा हुआ था।
कच्चे बांध में दरार
नगरिया फार्म की ओर बने कच्चे बांध में दरार आने लगी और दिनभर श्रमिक कटान को रोकते रहे। नगरिया फार्म की ओर निजी बंधा है। यहां बांध कटने से बचाने के लिए पूरे दिन कवायद होती रही। कादरवाड़ी गांव में भी पानी की दस्तक थी। लोग अपना सामान लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे। कछला गंगाघाट के पास लक्ष्मीनगला, पंखिया नगला में भी बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा था। यहां लोग नाव के सहारे ही गांव में आवाजाही कर पा रहे थे। कछला की ओर से गांव की ओर आने वाला रास्ता भी कटकर काफी क्षतिग्रस्त हो गया।
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