मुजफ्फरपुर न्यूज़: राज्य के 4007 स्कूलों में एक जुलाई को बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी या उससे कम थी. पदाधिकारियों और कर्मियों द्वारा 7270 विद्यालयों का जायजा लेने पर यह बात सामने आई. वहीं 1869 ऐसे विद्यालय रहे, जहां पर बच्चों की उपस्थिति कुल संख्या के 50 से 75 प्रतिशत के बीच थी. राज्य के मात्र 68 विद्यालय ऐसे थे, जहां पर बच्चों की उपस्थिति 75 से अधिक थी. जिला वार सूची शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई है. वहीं, एक जुलाई को विद्यालयों के निरीक्षण में बिना अनुमति के गायब पाए गए 588 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट दिया गया है.
शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिला स्तर पर यह कार्रवाई की गई है. निरीक्षण में दस गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारी और एक प्रखंड स्तर के अधिकारी भी अनुपस्थित पाये गए थे. इनसभी का भी वेतन काट दिया गया है. विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि निरीक्षण को प्रभावी रूप से कराना सुनिश्चत करेंगे. यह नियमित रूप से चलेगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर राज्य के सभी 75 हजार से अधिक सरकारी विद्यालयों का नियमित निरीक्षण कार्यक्रम बना है. जिला स्तर से यह तय किया गया है कि किस दिन किस अधिकारी-कर्मी विद्यालय का निरीक्षण करेंगे. सप्ताह में कम-से-कम दो दिन हर विद्यालय का निरीक्षण होगा. निरीक्षण के दिन ही इससे संबंधित रिपोर्ट प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) को भेजना अनिवार्य किया गया है.
पटना में गैरहाजिर रहे 21 शिक्षकों का वेतन रोका
जिले के सरकारी स्कूल में शिक्षक उपस्थित हैं या नहीं इसकी औचक जांच डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कराई. 21 शिक्षक बगैर सूचना के अनुपस्थित थे. रिपोर्ट पर डीएम ने सभी अनुपस्थित 21 शिक्षकों के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. देरी से पहुंचने वाले शिक्षकों से शोकॉज किया गया है. पटना के 832 स्कूलों का औचक निरीक्षण हुआ. डीएम ने कहा कि हर विद्यालय का सप्ताह में कम-से-कम दो बार निरीक्षण होगा.
फॉरमेट में लेंगे हस्ताक्षर
विभाग ने आदेश में साफ किया है कि निरीक्षण करने के गये अधिकारी स्कूल में उपस्थित शिक्षकों का हस्ताक्षर भी फॉरमेट में लेंगे. साथ ही निरीक्षण पदाधिकारी स्कूल की पंजी में अपना हस्ताक्षर भी करेंगे. निरीक्षण में जाने वाले अधिकारी-कर्मी विद्यालयों में शिक्षकों-बच्चों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन योजना की सफलता, शौचालय की स्थिति, पेयजल की सुविधा आदि का जायजा लेंगे. जिलों को विभाग का यह भी निर्देश है कि आश्यकता पड़े तो कार्यालय में उपस्थित लिपिक, लेखा लिपिक और डाटा इंट्री ऑपरेटर को भी निरीक्षण करने स्कूलों में भेजें. लेकिन, किसी भी हाल में निरीक्षण प्रभावी रूप से सुनिश्चत कराएं.
निरीक्षण की रिपोर्ट देनी होगी
बीईओ की यह जिम्मेदारी है कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति, बच्चों की 50 प्रतिशत से कम की उपस्थिति आदि किसी तरह की गड़बड़ी की रिपोर्ट को वह निरीक्षण के अगले दिन अपने जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे. इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर पर तत्काल एक दिन का वेतन काटते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी. निरीक्षण की रिपोर्ट विभाग द्वारा तय फॉरमेट में ही पदाधिकारियों और कर्मियों को देना है.