बिहार

मामूली जुर्माना देकर छूट जाते हैं मिलावटखोर

Admin Delhi 1
4 March 2023 7:48 AM GMT
मामूली जुर्माना देकर छूट जाते हैं मिलावटखोर
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मुजफ्फरपुर न्यूज़: होली में खाद्य सामग्रियों में मिलावट लगातार जारी है. सबसे ज्यादा मिलावट मिठाई और दूध से बनी सामग्रियों में है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की शिथिलता और सख्त कानूनी प्रावधान नहीं होने के कारण ऐसे कारोबारी महज 10 हजार रुपये का फाइन देकर छूट जाते हैं और अगली बार फिर आम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं.

स्वास्थ्य विभाग की खाद्य संरक्षा शाखा के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 565 सैंपल लिये गये थे. इनमें से 17 मिठाई के सैंपल मिलावटी मिले. एक्सपायरी भी नहीं लिखी थी. वहीं, मिठाई और खोआ के छह ऐसे सैंपल थे, जो मानक के अनुसार नहीं थे. इसके अलावा करीब एक दर्जन अलग-अलग खाद्य उत्पादों में भी मिलावट मिली.

इनमें से 50 दुकानदारों पर मिलावट, साफ-सफाई की कमी की वजह से मामला दर्ज किया गया. हालांकि, इनमें से केवल तीन दुकानदारों को फाइन किया गया. अन्य पर सुनवाई चल रही है. इस साल होली से पूर्व तीन दिन में 22 दुकानों की जांच की गई. 50 से अधिक सैंपल लेकर लैब भेजे गए हैं.

चांदी के वर्क की जगह अल्युमिनियम

पिछले साल की छापेमारी में चांदी के वर्क की जगह अल्युमिनियम का उपयोग किया गया था. अधिकारी ने बताया कि सिल्वर वर्क को जैसे ही उंगली से मसलेंगे तो वह उंगली में चिपक जाएगा, जबकि अल्युमिनियम वर्क उंगली से मसलने पर गांठ (गोला) बन जाती है.

ऐसे करें असली और नकली की पहचान

खाद्य संरक्षा पदाधिकारी सुदामा चौधरी ने बताया कि नकली खोआ का रंग हल्का भूरा होता है. उसे छूने पर भी कड़ापन महसूस होता है. असली खोआ को छूने पर घी जैसी चिपचिपाहट महसूस होती है. उसका गंध भी घी की तरह होता है. दूसरी ओर असली पनीर भी मुलायम और लचीला होता है, जबकि नकली या मिलावट वाला अपेक्षाकृत कड़ा होता है. उसी तरह असली घी हाथ पर रखते ही वह हाथ के ताप से नारियल तेल की तरह पिघल जाता है.

अधिकारियों की कमी से जूझ रहा विभाग

खाद्य संरक्षा विभाग अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है. मुजफ्फरपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी को सीतामढ़ी और शिवहर का भी प्रभार मिला हुआ है. राज्य में 105 पद सृजित हैं, जबकि 14 खाद्य संरक्षा पदाधिकारी ही कार्यरत हैं. जिले में डाटा इंट्री ऑपरेटर भी नहीं है.

क्या कहते हैं अधिकारी

सिविल सर्जन डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि खाद्य संरक्षा पदाधिकारी की टीम मिलावट को लेकर लगातार छापेमारी कर रही है. सैंपल भी जांच में भेजे जा रहे हैं. इसके बावजूद यदि मिलावट वाला आहार लेते हैं, तो फूड प्वायजनिंग की समस्या हो सकती है. समस्या होने पर बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क करें.

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