मुजफ्फरपुर: सूबे में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध को प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सभी थाना प्रभारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके तहत सूबे के बचे हुए 700 थाना प्रभारियों को साइबर कानून और इससे जुड़े सभी तथ्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. इस ट्रेनिंग की अवधि 5 दिनों की होगी. सभी थाना प्रभारियों का बैच बनाकर चरणबद्ध तरीके से इनका ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जाएगा.
अगस्त के अंतिम सप्ताह से इसकी शुरुआत होने जा रही है. थाना प्रभारियों को मुख्य रूप से साइबर से संबंधित मामलों में आईटी लॉ की उचित धाराओं को लगाने के बारे में जानकारी दी जाएगी. क्योंकि साइबर से जुड़े कई मामलों में उचित धाराएं नहीं लगने के कारण मुकदमे या तो कमजोर हो जाते हैं या अपराधियों को तुरंत बेल मिल जाती है. इन मामलों के अनुसंधान में तमाम जरूरी बातों से जुड़ी कानूनी जानकारी ट्रेनिंग के दौरान दी जाएगी. ट्रेनिंग का यह दूसरा चरण है. इससे पहले राज्य के करीब 800 थाना प्रभारियों के अलावा डीएसपी समेत अन्य रैंक के अधिकारियों को भी साइबर कानून की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. उस समय ईओयू में ही इन पदाधिकारियों की कई चरणों में कराई गई ट्रेनिंग कार्यक्रम में बड़ी संख्या में थाना प्रभारी छूट गए थे. अब बचे हुए थाना प्रभारियों की इस ट्रेनिंग प्रक्रिया के पूरी होने के बाद राज्य के तकरीबन सभी थानों और ओपी के प्रभारी समेत कुछ अन्य स्तर के पदाधिकारियों की ट्रेनिंग पूर्ण हो जाएगी. सभी थाना प्रभारी को साइबर कानून का प्रशिक्षण प्राप्त हो जाएगा.
अनुसंधान बेहतर तरीके से कैसे करें, बताया जाएगा
ट्रेनिंग के दौरान सभी पुलिस कर्मियों को खासतौर से ई-मेल का अनुसंधान करने के तरीके बताए जाएंगे. अवैध वित्तीय लेनदेन से जुड़े मामले के तफ्तीश की विस्तार से जानकारी दी जाएगी. इन मामलों का अनुसंधान बेहतर तरीके से कैसे करें. साथ ही इनमें आईटी एक्ट के अंतर्गत कौन-सी सशक्त धारा लगाकर मामले की जांच प्रभावी तरीके से की जाए, ऐसी सभी बातों की जानकारी दी जाएगी.