बेगूसराय न्यूज़: बिहार में भी अब दूध का टेट्रा पैक तैयार होगा.इसका दूध चार से छह माह तक उपयोग में लाया जा सकता है.उत्तर-पूर्व राज्यों, दिल्ली, कोलकाता में सुधा दूध की बिक्री के निर्णय के बाद इसकी तैयारी तेज हो गई है.इसके लिए कॉम्फेड की बिहारशरीफ डेयरी को दूध संग्रह करने का अधिकार दे दिया गया है.बिहारशरीफ डेयरी में अभी तक पटना डेयरी की ओर से संग्रह किया हुआ दूध जाता था या फिर पाउडर से दूध तैयार किया जाता था.कॉम्फेड की हाल में हुई बैठक में दूध संग्रह का क्षेत्र तय करने पर मुहर लग गई है.राज्य में सिर्फ बिहारशरीफ डेयरी के पास ही अल्ट्रा हाई टेम्परेचर मशीन है.इसी मशीन से टेट्रा पैक तैयार किए जाते हैं.अभी यहां लस्सी, छाछ, फ्लेवर मिल्क, केसर फ्लेवर मिल्क, फ्लेवर मिल्क इलायची आदि ही तैयार किए जा रहे हैं.दूध की कमी के चलते बड़े पैमाने पर टेट्रा पैक दूध तैयार नहीं हो पा रहा था.दूसरे राज्यों की दुग्ध कंपनियां ही बिहार में टेट्रा पैक दूध बेचती थीं।
दूसरे राज्यों में भेजना आसान
बिहार राज्य दुग्ध सहकारी संघ (कॉम्फेड) की बैठक में उत्तर पूर्व के राज्यों गुवाहाटी, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, सिलीगुड़ी, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सुधा दूध और उसके उत्पाद की बिक्री का निर्णय लिया गया है.इसकी तैयारी तेज हो गई है.अन्य उत्पाद के अलावा टेट्रा पैक दूध यहां आसानी से भेजे जा सकेंगे।
चार जिलों का दूध संग्रह होगा
बिहारशरीफ डेयरी से नालंदा, नवादा, शेखपुरा के अलावा लखीसराय जिले के कुछ प्रखंड संबद्ध किए गए हैं.अभी तक इन जिलों के पशुपालकों से दूध संग्रह कर पटना डेयरी जाता था.वहां से जरूरत के अनुसार बिहारशरीफ भेजा जाता था.इन क्षेत्रों में दुग्ध समितियां भी पटना डेयरी से ही बनाई जाती थीं.अब इन क्षेत्रों का दूध सीधे बिहारशरीफ डेयरी जाएगा।
चार लाख लीटर दूध की है क्षमता
वर्ष 2014 में स्थापित बिहारशरीफ डेयरी की क्षमता चार लाख लीटर दूध की है.यहां तीन लाख लीटर दूध से प्रतिदिन सूखा पाउडर बनाने वाली मशीनें लगी हैं.पहले सूबे की दूसरी डेयरियों की क्षमता से अधिक दूध संग्रह होने पर ही यहां लाया जाता था।
● पैकिंग करने वाली अल्ट्रा हाई टेम्परेचर मशीन केवल इसी डेयरी में है
गव्य निदेशक संजय कुमार कहते हैं बिहारशरीफ डेयरी को दूध संग्रह का अधिकार मिलने का फायदा चार जिले के पशुपालकों को मिलेगा.अभी इनसे दूध संग्रह कर पटना भेजना पड़ता था.अब उन्हें सहूलियत होगी.ज्यादा दाम मिल सकेगा.इन क्षेत्रों में ज्यादा दुग्ध समितियां बनेंगी।