बिहार

जेई से दस माह के मासूम की मौत, एक और बच्ची भर्ती

Harrison
12 Sep 2023 1:45 PM GMT
जेई से दस माह के मासूम की मौत, एक और बच्ची भर्ती
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बिहार | पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन के दस महीने के बच्चे सचिन की मौत जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) से हो गई है. इस वर्ष जेई या एईएस से यह पहली मौत है. बच्चे में चमकी के लक्षण पर चार सितंबर को उसे एसकेएमसीएच के पीकू में भर्ती किया गया था. बच्चे की हालत गंभीर होने के कारण उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था.
एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि बच्चे को गंभीर हालत में लाया गया था. इसके बाद उसकी जांच माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कराई गई, जहां जेई की पुष्टि हुई. इस वर्ष मोतिहारी के दूसरे बच्चे में जेई की पुष्टि हुई है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि बच्चे की स्थिति पहले दिन से ही चिंताजनक थी. उसे बचाने का काफी प्रयास किया गया. इस वर्ष जेई के पांच मामले सामने आये हैं.
तीन साल में सबसे अधिक मामले इस वर्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि सीतामढ़ी के जेई पीड़ित बच्चे की स्थिति ठीक है. चार सितंबर से उसका इलाज चल रहा है. एसकेएमसीएच में जेई का पहला मरीज चार मई को आया था. बेतिया की सोनम कुमारी में जेई की पुष्टि हुई थी. इसके बाद अगस्त में दो मामले सामने आये थे.
इसमें एक पूर्वी चंपारण जिले के आदापुर का रहने वाला था. पिछले तीन साल में जेई के सबसे अधिक मामले इस बार मिले हैं. इससे पहले वर्ष 2021 में जेई के एक मरीज की मौत एसकेएमसीएच में हुई थी. मरीज पश्चिम चंपारण का रहने वाला था. मरीज लगभग डेढ़ महीने तक वेंटिलेटर पर रहा था. डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि जेई में भी एईएस की तरह ही पीड़ित को चमकी आती है. जांच रिपोर्ट आने में दो दिन का समय लगता है. जेई में वायरस कंफर्म रहता है, जबकि एईएस में वायरस का पता नहीं रहता है. जेई क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. मुजफ्फरपुर में जेई नहीं मिले हैं. उत्तर बिहार में जेई का इलाका पूर्वी और पश्चिम चंपारण व सीतामढ़ी है. इसके अलावा गया और उसके आसपास के इलाके में जेई के मरीज मिलते हैं. एसकेएमसीएच में जेई पीड़ितों को लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है.
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