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बिहार : बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दिल्ली में सीबीआई दफ्तर पहुंच गए हैं। तेजस्वी को नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया है। तेजस्वी ने कहा कि हमने हमेशा जांच एजेंसियों का सहयोग किया है। देश में ताजा हालात ऐसे हैं जिसमें लड़ना कठिन हो गया है पर हमने तय तय है कि हम इस स्थिति के खिलाफ लड़ेंगे और जीतेंगे। बता दें कि तेजस्वी यादव की बड़ी बहन और राजद सांसद मीसा भारती भी पूछताछ के लिए आज ही ईडी ने बुलाया है। सीबीआई ने तेजस्वी यादव को तीन बार समन भेजा था लेकिन वो पेश नहीं हुए थे। तेजस्वी यादव को 11 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उस समय उन्होंने पत्नी के अस्पताल में भर्ती होने का हवाला दिया था। इससे पहले 4 फरवरी को भी सीबीआई ने तेजस्वी यादव को समन भेजा था। इसके बाद तेजस्वी ने सीबीआई के समन को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। 16 मार्च को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने तेजस्वी यादव को 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने को कहा।
नौकरी के नाम पर ली जमीन
सीबीआई ने अपनी पहली चार्जशीट में कहा है कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए मध्य रेलवे में उम्मीदवारों की अनियमित नियुक्तियां की गईं। उम्मीदवारों ने सीधे या अपने निकट संबंधियों/परिवार के माध्यम से नौकरी के बदले लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची। लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नियुक्ति दिलाने के एवज में उम्मीदवारों की जमीनें अपनी पत्नी राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर करा लीं। सीबीआई का आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था। इस दौरान लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं।
उस समय 4 लाख में खरीदा गया था घर
तेजस्वी यादव ने इस मामले को विच-हंट करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब नौकरियों के लिए जमीन के कथित अपराध की बात की जा रही है, तब मेरी उम्र बहुत कम थी। बता दें कि दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का घर कथित रूप से तेजस्वी यादव के नाम पर है। यह घर एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है, जो कथित तौर पर यादव परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी है। यह घर 4 लाख रुपये में खरीदा गया था, एजेंसियों के मुताबिक इस घर की कीमत वर्तमान में 150 करोड़ है। आरोप है कि इस संपत्ति को खरीदने के लिए भारी मात्रा में नकदी और अवैध धन भेजा गया था। मुंबई की कुछ कंपनियां जो गहनों का कारोबार करती हैं, वे भी इसमें शामिल थीं। इसके अलावा दिल्ली स्थित इस घर का उपयोग दो कंपनियों एबी एक्सपोर्ट्स और एके इंफोसिस्टम्स के ऑफिस के रूप में किया गया था। कथित तौर पर लालू परिवार द्वारा 7.5 लाख रुपये में चार भूखंडों का अधिग्रहण किया गया था और राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना को 3.5 करोड़ रुपये में बेचा गया था। यह पैसा तब कथित तौर पर तेजस्वी यादव के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था।
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