x
द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने देश की आबादी के ‘सुरसा’ के मुंह की तरह बढ़ने की बात कहते हुए इसे नियंत्रित करने के लिए कड़े कानून की फिर से वकालत की
द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने देश की आबादी के 'सुरसा' के मुंह की तरह बढ़ने की बात कहते हुए इसे नियंत्रित करने के लिए कड़े कानून की फिर से वकालत की। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता ने एक वीडियो बयान जारी किया और इसे ट्विटर पर साझा किया। वहीं गिरिराज सिंह के बयान पर लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बढ़ती आवादी खतरा है तो चीन इतना अच्छा क्यों कर रहा है? राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा- 'सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था, जीडीपी और विकास के मामले में भारत से आगे है। क्या इस पर बहस नहीं होनी चाहिए? अगर बढ़ती जनसंख्या खतरा है तो चीन इतना अच्छा क्यों कर रहा है?' राजद कार्यालय में महागठबंधन की बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया।
वहीं ट्रांसफर पोस्टर को लेकर मंत्री के बयान पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इस नूरा कुश्ती से बिहार को भारी नुक़सान हो रहा है। वैसे भी यह बात कोई पहली बार सामने नहीं आई है। मदन सहनी पहले कह चुके हैं। यहाँ यह भी गौर करने वाली बात है कि जिस विभाग के मंत्री ने विभाग में माफियागिरी की बात कही है, वो विभाग लंबे समय से BJP के पास रहा है। सवाल के घेरे में BJP ही है।
जनसंख्या नियंत्रण के लिए कड़ा कानून बने: गिरिराज सिंह
इससे पहले गिरिराज सिंह ने अफसोस जताते हुए कहा कि पिछले तीन दशकों में भारत आर्थिक प्रगति की रफ्तार में चीन से पिछड़ गया, लेकिन जनसंख्या वृद्धि में अपने पड़ोसी देश से आगे निकल गया। गिरिराज सिंह ने कहा, 'हमारे पास सीमित संसाधन हैं। हमारी आबादी सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही है। दस-दस बच्चे पैदा करने वाली विकृत मानसिकता पर भी अंकुश लगाने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कड़ा कानून बने, जो पूरे देश में और सभी धर्म के लोगों पर लागू हो।
गिरिराज के कानूनी रास्ता की बात को खारिज कर चुके हैं सीएम नीतीश
गिरिराज सिंह की टिप्पणी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विचार के बिल्कुल विपरीत है, जिनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की सबसे बड़ी सहयोगी है। नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी रास्ता अपनाए जाने के कदम को बीते दिनों अस्वीकार किया है और बिहार का हवाला दिया है, जहां महिलाओं की शिक्षा में वृद्धि के साथ प्रजनन दर में गिरावट देखी गई है।
Rani Sahu
Next Story