IRCTC घोटाला मामले में बिहार के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव को सीबीआई कोर्ट से राहत मिल गई है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी यादव से कहा कि हम आपकी जमानत रद्द नहीं कर रहे हैं. हालांकि कोर्ट ने तेजस्वी यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि जनता के बीच कुछ भी बोलें तो शब्दों के चयन पर ध्यान दें. सुनवाई के दौरान तेजस्वी यादव से जज ने पूछा कि क्या डिप्टी सीएम रहते हुए उन्हें ऐसे बयान देने चाहिए?
इससे पहले तेजस्वी यादव ने CBI की अर्जी पर अपना जवाब दाखिल किया, जिसका सीबीआई ने विरोध किया. सीबीआई ने कोर्ट में तेजस्वी यादव के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए बयान को पढ़ा और कहा कि तेजस्वी ने सीबीआई को धमकी दी, ताकि जांच को प्रभावित किया जा सके. CBI ने कोर्ट को बताया गया कि तेजस्वी की ओर से यह कहने की कोशिश की गई कि सीबीआई किसी के निर्देश पर काम कर रही है.
जांच में शामिल गवाहों को भी धमकी दी जा रही- CBI
CBI ने कहा कि तेजस्वी का बयान न केवल सीबीआई को धमकी है, बल्कि पूरे जांच में शामिल गवाहों को भी धमकी दी जा रही है. सीबीआई ने कहा इस केस जुड़े जांच अधिकारी पर कई बार हमला हुआ. हालांकि हमारे पास इसका कोई सबूत नहीं है और न ही हम इस केस में इस बात को शामिल कर रहे हैं, लेकिन यह भी एक तरह की धमकी है. CBI ने कहा कि जांच अधिकारियों को धमकी दी जा रही है तो फिर आम लोगों का क्या होगा? हमने कभी तेजस्वी को गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की, लेकिन अगर वो धमकाने के स्तर पर आ जाते हैं तो बेल कैंसल होनी चाहिए.
तेजस्वी ने धमकाया तो FIR क्यों दर्ज नहीं करते?- वकील
CBI की इस दलील पर तेजस्वी के वकील ने कहा कितेजस्वी यादव ने जो कहा, उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है. CBI बताए कि IRCTC केस में तेजस्वी ने किस शर्त का उलंघन किया. तेजस्वी लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरोपी नहीं हैं. तेजस्वी के वकील ने कहा कि अगर आपको लगता कि तेजस्वी ने CBI के अधिकारियों को धमकाया है तो IPC की धारा 506 की तहत एफआईआर क्यों नहीं दर्ज करते हैं?