बेगूसराय: नवम वर्ग में आगे वाली बेंच पर बैठने के विवाद के साल बाद 17 वर्षीय दीपांशु की बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी. उसके बाद सूखी मिट्टी के कड़े ढेले से चेहरे को कूचकर गोबर के ढेर में छुपा दिया ताकि शव की पहचान नहीं हो सके. ब्लाइंड मर्डर के इस मामले में पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही मृतक के सहपाठी व अन्य बदमाशों को दबोच लिया. पुलिस के हत्थे चढ़े बदमाशों में नावकोठी थाना के वभनगामा गांव निवासी सुरेश साह का पुत्र गौरव कुमार उर्फ चुन्नी लाल और पंकज शर्मा का पुत्र प्रिंस कुमार उर्फ भुल्ला व नाबालिग का नाम शामिल है. एसपी मनीष कुमार ने अपने कार्यालय कक्ष में प्रेसवार्ता कर दीपांशु हत्याकांड का खुलासा करने का दावा किया है.
एसपी ने बताया कि दीपांशु नाबालिग था. वह नावकोठी थाना के पहसारा वभनगामा गांव निवासी हरेराम सिंह का पुत्र था लेकिन शारीरिक बनावट युवक की तरह थी. गांव में कोई भी युवक इसके आगे नहीं टिकता था. हत्यारोपितों ने एसपी के समक्ष हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए हत्याकांड का राज बताया. एसपी ने बताया कि बदमाशों ने बदला लेने के लिए दीपांशु को पिस्तौल दिखाने के बहाने उसे बुलाया.
ही बाइक पर दीपांशु व उसका सहपाठी तथा अन्य आरोपित सवार हुए. पेट्रोल पंप पर 50 रुपये का तेल लिया. उसके बाद दीपांशु को पबड़ा गांव स्थित खेत लाया गया.