भागलपुर न्यूज़: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के एक शिक्षक विभिन्न कॉलेजों में पढ़ा सकेंगे. ऐसे में शिक्षकों की कमी को दूर कर कॉलेज या विभागों में पढ़ाई पूरी की जा सकेगी. इस संबंध में कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कॉलेजों और विभागों को निर्देश दिये हैं.
विभिन्न कॉलेजों या विभागों में कई विषयों के शिक्षकों की कमी के कारण परेशानी हो रही है. शिक्षकों की संख्या कम होने से कहीं क्लास नहीं हो रहा है तो कहीं क्लास हो भी रहे हैं तो कोर्स पूरा नहीं हो पा रहा है. ऐसे अतिथि शिक्षक भी हैं तो उनकी संख्या भी पर्याप्त नहीं है. मारवाड़ी कॉलेज में फिजिक्स में एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं. सिर्फ एक अतिथि शिक्षक इंटरमीडिएट व स्नातक को पढ़ा रहे हैं. केमेस्ट्री में भी इतने ही शिक्षक हैं जबकि केमेस्ट्री में दो नियमित और एक अतिथि हैं. इनमें से एक नियमित शिक्षक कॉलेज से रिलीव होकर विवि में टेबुलेशन का काम दो साल से कर रहे हैं. बॉटनी में एक नियमित और एक गेस्ट शिक्षक हैं. जूलॉजी में एक भी नियमित शिक्षक नहीं, मात्र दो अतिथि शिक्षक हैं. विज्ञान में देखा जाये तो प्रैक्ट्रिकल में मात्र फिजिक्स में डिमोंस्ट्रेटर नहीं हैं. विज्ञान में स्टैटिस्टिक्स में मात्र एक नियमित शिक्षक हैं. आर्ट्स में आईआरपीएम में एक भी शिक्षक नहीं हैं. उर्दू में मात्र एक अतिथि शिक्षक हैं. राजनीति विज्ञान में सिर्फ तीन पोस्ट हैं और वहां चार शिक्षक हैं. बांग्ला में एक भी शिक्षक नहीं हैं. ऐसे में कोई वहां नामांकन भी नहीं लेता है. यही हाल कमोबेश अन्य कॉलेजों में भी है.
कहीं स्थिति थोड़ी अच्छी है तो कहीं और भी खराब है. इसके कारण कोर्स पूरा नहीं हो पाता है. सिर्फ कॉलेजों में नहीं पीजी में भी हालत अच्छी नहीं है. पीजी फिजिक्स में आठ में मात्र तीन शिक्षक हैं. विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जगधर मंडल ने कहा कि सीबीसीएस कोर्स लागू होने के बाद यह जरूरत और बढ़ गई है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षण नहीं हो पा रहा है. शोध का बेहतर कार्य नहीं हो पा रहा है.
कॉलेज लिखकर दे, विवि करेगा आदेश
टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल यदि कोई प्रधानाचार्य या विभागाध्यक्ष यह लिखकर विवि को देते हैं कि उनके यहां खास विषय में शिक्षक नहीं हैं या काफी कम हैं और निम्न कॉलेज या विभाग में अधिक या पर्याप्त शिक्षक हैं. वहां से शिक्षक का सहयोग दिलाया जा सकता है. ऐसे में विवि उस कॉलेज या विभाग को आदेश जारी करेगा कि वहां के शिक्षक मांग करने वाले कॉलेज या विभाग में भी जाकर पढ़ायें. इससे शिक्षकों के मानव संसाधन का बेहतर प्रयोग किया जा सकेगा. जबतक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती है, तबतक यह बेहतर विकल्प है.