जल्द बहाली की मांग कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी, शपथ पत्र के आधार पर नियुक्ति पत्र की मांग
जनता से रिश्ता। बिहार में वर्ष 2019 में सरकार ने करीब 90 हजार प्राइमरी और 30,000 माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन (Shikshak Niyojan) की घोषणा की थी. वर्ष 2019 के जुलाई महीने में छठे चरण के नियोजन के तहत प्राथमिक के 90762, जबकि माध्यमिक उच्च माध्यमिक के 30020 शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन उसके बाद से लगातार यह नियोजन प्रक्रिया किसी न किसी विवाद की वजह से आगे बढ़ती रही.इस वर्ष जब पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने नियोजन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया तो शिक्षक अभ्यर्थियों की उम्मीद बंधी थी कि अब उन्हें नौकरी मिल जाएगी, लेकिन दो राउंड की काउंसलिंग के बाद प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया पंचायत चुनाव के फेर में पड़ गई. वहीं जिन 38000 अभ्यर्थियों का चयन किया गया, उनके सर्टिफिकेट की जांच सरकार द्वारा तय 31 अक्टूबर के समय सीमा में भी नहीं हो पाई है.इस बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों से चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट जांच की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, लेकिन यह तय है कि चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच कई जिलों में शुरू भी नहीं हुई और इसकी बड़ी वजह पंचायत चुनाव मानी जा रही है. जिसमें सरकार के तमाम पदाधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से व्यस्त हैं, लेकिन चयनित अभ्यर्थियों को इस बात का अंदेशा है कि लेट लतीफी के चक्कर में यह मामला लंबा खिंच सकता है.