नालंदा: होल्डिंग टैक्स के बकायेदारों से राजस्व की वसूली करने में नगर निगम हांफ रहा है. निजी से लेकर सरकारी भवनों पर नगर निगम का 8 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.
शहर के नीजि मकान, दुकान व व्यवसायियों पर 2 करोड़ तो सरकारी भवनों पर 6 करोड़ 10 लाख रुपये से अधिक का बकाया है. बकायेदारों को नोटिस पर नोटिस दिया जा रहा है. इसके बाद भी वसूली नहीं हो रही. कई विभागों पर तो वर्ष 1995 से बकाया है. उन्हें हर साल पांच फीसद जुर्माना भी लग रहा है.
वसूली के लिए टैक्स कलेक्टर भी नगर निगम में बहाल है. फिर भी बकाये राजस्व की राशि की वसूली समय पर नहीं हो पा रही है. टैक्स कलेक्टरों को तय मानदेय के साथ ही रिकवरी पर नगर निगम द्वारा कमीशन भी दिया जाता है. इसी प्रकार, राजस्व की वसूली और नगर निगम की आय में बढ़ोत्तरी हो इसके लिए नगर निगम के प्रतिनिधि भी सार्थक पहल नहीं कर रहें है.
सालाना 5 फीसद जुर्माना समय पर टैक्स जमा नहीं किये जाने पर नगर निगम द्वारा सालाना 5 फीसद जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान है. यह राशि हर साल कुल बकाये राशि में अपने आप जुड़ जाती है. नगर निगम ने टैक्स होल्डरों से अपील किया है कि समय पर टैक्स जमा कर जुर्माने की राशि भरने से बच सकते हैं.
बकायेदारों में अधिकारी का आवास भी
कई विभागों ने तो 25 साल से अधिक समय से होल्डिंग टैक्स नहीं जमा किया गया है. बकायेदारों में कई वरीय अधिकारी के आवास भी शामिल हैं. जिला परिषद पर आठ लाख तो डीडीसी आवास पर नौ हजार 337 रुपये, सदर अस्पताल पर तीन लाख 63 हजार 915, सीएस आवास पर 10 हजार 281 रुपये का बकाया है. खास बात यह है बकाये होल्डिंग टैक्स जमा करने के लिए विभागीय अधिकारियों से कई बार पत्राचार किया गया है. इसके बाद भी इसे जमा नहीं किया जा रहा है. कई विभागों ने तो 1995 से ही होल्डिंग टैक्स नहीं जमा किया है.