बिहार

कूड़ा ढोने वाली गाड़ी पर नहीं लगा तिरपाल, झाड़ू देने से पहले स्प्रिंक्लर से छिड़काव भी नहीं

Admin Delhi 1
17 Jan 2023 11:18 AM GMT
कूड़ा ढोने वाली गाड़ी पर नहीं लगा तिरपाल, झाड़ू देने से पहले स्प्रिंक्लर से छिड़काव भी नहीं
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भागलपुर न्यूज़: नगर निगम ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए नीति तो बनाया, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है. तय हुआ था कि कूड़ा ढोने वाली गाड़ियों पर तिरपाल लगाया जाएगा और झाड़ू देने से पहले स्प्रिंक्लर से पानी का छिड़काव करना है. निर्माणाधीन बिल्डिंग पर हरा चट या कपड़ा लगाने का भी निर्देश दिया गया था. लेकिन शहर में किसी निर्माणाधीन बिल्डिंग में इसका पालन नहीं हो रहा है. यहां तक कि स्मार्ट सिटी योजना से जहां काम चल रहा है, वहां भी इसका पालन नहीं हो रहा है. ट्रैक्टर पर बिना ढके कूड़े ढोये जा रहे हैं तो झाड़ू लगाने से पहले कहीं स्प्रिंक्लर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है.

ट्रैक्टर से जहां भी कूड़ा उठाया जा रहा है, वहां बिना ढके ही ढोया जा रहा है. रास्ते भर कूड़ा हवा में उड़ते हुए गिरता जाता है. सड़कों पर गंदगी फैलती है और आसपास में प्रदूषण होता है. झाड़ू लगाने से पहले अगर पानी का छिड़काव कर दिया जाय तो वातावरण में धूल की मात्रा कम होगी. सुबह के समय में प्रमुख सड़कों पर धूल उड़ता है. शहर में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए नगर आयुक्त ने डेढ़ महीने पहले नगर निगम में मैराथन बैठक की थी. उस दौरान उन्होंने संबंधित सभी शाखा प्रभारी और इंजीनियर को इस बारे में निर्देश दिया था, लेकिन डेढ़ माह बाद भी इसपर अमल नहीं हो रहा है. बात तो यह भी हुई थी कि धूल धुएं का असर कम करने के लिए नगर निगम एंटी स्मोग गन की खरीद करेगा. अभी तक उसके लिए भी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है.

एनजीटी का निर्देश भी बिना ढके कूड़ा न ढोया जाय इसे भागलपुर नगर निगम का असली चेहरा कहें या स्वच्छता के अभियान की खानापूर्ति. कूड़ेदान से जो कूड़ा उठाया जा रहा है, उसे टैक्टर पर बिना ढके ही ढोया जा रहा है. कूड़ा लेकर आते जाते ट्रैक्टर के ट्रेलर से सड़कों पर जहां-तहां न सिर्फ वह कूड़ा गिरते जाता है, बल्कि बदबू से राहगीरों को परेशानी भी होती है. एनजीटी का भी स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी सफाई वाहन पर बिना ढके कूड़े की ढुलाई नहीं होगी. भागलपुर नगर निगम के ट्रैक्टर चालक न सिर्फ बिना ढके कूड़े की ढुलाई करते हैं, बल्कि तेल की बचत के लिए एक ही ट्रैक्टर पर क्षमता से अधिक कूड़ा भी भर देते हैं. नतीजा यह होता है कि कूड़ा ढोने वाले वाहन से ही सड़कों पर जहां-तहां गंदगी फैलती जाती है.

16 ट्रैक्टर हैं नगर निगम में कूड़ा ढुलाई के लिए

04 ट्रिप हर ट्रैक्टर को लगाना होता है

300 मिट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन उठता है शहरी क्षेत्र से

शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए उपाय किये जा रहे हैं. तिरपाल और स्प्रींक्लर सिस्टम खरीद की प्रक्रिया में है. -डॉ. योगेश कुमार सागर, नगर आयुक्त.

वाहनों की आधी-अधूरी ही हो रही प्रदूषण जांच: नगर निगम में कुल 105 वाहन हैं. इनमें से 40 वाहनों की ही प्रदूषणा जांच करायी गयी. नगर आयुक्त ने बैठक में निर्देश दिया था कि नगर निगम के सभी वाहनों की प्रदूषण जांच करायी जाएगी. इसके बाद शहर में चलने वाले अन्य निजी वाहनों की जांच भी परिवहन विभाग के द्वारा हो, इसके लिए पत्र दिया जाएगा. लेकिन अभी तक नगर निगम अपने वाहनों की ही जांच पूरी नहीं कर पाया है.

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