बिहार
सुशील मोदी का तंज- नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम फ्लॉप, किसी ने नहीं माना नेता
Shantanu Roy
12 Nov 2022 12:24 PM GMT

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बड़ी खबर
पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का न बिहार के बाहर कहीं प्रभाव है और न राज्य के भीतर वे अपना जनाधार बचा पाए इसलिए विपक्षी एकता की उनकी मुहिम फ्लॉप कर गई। सुशील मोदी ने शुक्रवार को यहां बयान जारी कर कहा कि गोपालगंज और मोकामा के उपचुनाव में नीतीश कुमार अपना लव-कुश और अतिपिछड़ा वोट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को ट्रांसफर नहीं करा पाए। उनका आधार वोट भाजपा की तरफ खिसक गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद न मल्लिकार्जुन खड़गे ने और न भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने ही नीतीश कुमार को आमंत्रित किया। भाजपा नेता ने कहा, 'विपक्षी एकता के नाम पर केसीआर बिहार आए थे लेकिन नीतीश कुमार के साथ बात नहीं बनी। अब उन्होंने अपनी राष्ट्रीय पार्टी बनाकर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से हाथ मिला लिया है।'
भाजपा सांसद ने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और केजरीवाल की पार्टी को एक साथ लाने में नीतीश कुमार कोई भूमिका नहीं निभा सके। दोनों जगह दोनों विपक्षी दल एक- दूसरे के खिलाफ भी लड़ रहे हैं। मोदी ने कहा कि जब नीतीश कुमार को कोई नेता मानने को तैयार नहीं, तब विपक्षी एकता के नाम पर जदयू का राजद में विलय कराने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में केजरीवाल, चौटाला और अखिलेश यादव से नीतीश कुमार के मिलने का कोई फालोअप नहीं हुआ। भाजपा नेता ने कहा कि केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ खड़ा होना नामंजूर कर दिया और आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में घिरे ओम प्रकाश चौटाला ने चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार को भरोसेमंद दोस्त भाजपा का साथ छोड़ने के लिए पछताना पड़ेगा।
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