न्यूज़क्रेडिट: आजतक
बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. उसके बाद सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है. ताजा चर्चा है कि मंत्रिमंडल में दागियों की भरमार है. बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी लगातार सरकार पर हमलावर हैं. सुशील मोदी ने कहा है कि मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार है जिसकी वजह से बिहार में डरावने दिनों की वापसी तय है.
नीतीश कैबिनेट की बात करें तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर अपराध से जुड़े 11 मामले दर्ज हैं. इसमें आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या से जुड़े एक मामले में भी वो आरोपी हैं. इसके अलावा उनपर 324, 505 और 420 जैसी धाराओं से जुड़े मामला दर्ज है. तेजस्वी यादव पर बाकी मंत्रियों की जगह ज्यादा ही मामले दर्ज हैं.
इसके अलावा मंत्रिमंडल के एक सहयोगी हैं सुरेंद्र यादव, जिन्हें सहकारिता मंत्री बनाया गया है. उनपर आईपीसी धारा 307 यानी हत्या की कोशिश का मामला दर्ज है.सुशील मोदी ने इन मंत्रियों के बारे में कहा है कि सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रामानंद यादव और कार्तिकेय कुमार जैसे विधायक मंत्री बनाये गए, जिनके नाम से इलाके में लोग कांपते हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों पर आर्म्स ऐक्ट, यौन शोषण, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं.
सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नया मंत्रिमंडल पूरी तरह असंतुलित है. इसमें एम-वाइ समुदाय के 13 मंत्री (33 फीसद) हैं, जबकि कानू, तेली, कायस्थ, कलवार, कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज से एक भी मंत्री नहीं बनाया गया.
उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव पर 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं. तेज प्रताप यादव पर कुल 5 मामले दर्ज हैं. कुल 32 में से 23 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें 72 फीसदी मंत्री क्राइम और क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल रहे हैं. जिन मंत्रियों ने चुनाव के समय डिटेल दिया है, उनमें से 23 मंत्रियों पर आपराधिक मामला दर्ज है.
कहा गया कि राजद कोटे के 17 में 15 यानी प्रतिशत के हिसाब से 88 फीसदी मंत्रियों पर क्रिमिनल मामले दर्ज हैं. इनमें से 11 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जदयू के 11मंत्री बने हैं. इसमें 4 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि तीन ऐसे हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
सुशील मोदी ने यह भी कहा कि कानून की नजर में अभियुक्त व्यक्ति को ही कानून मंत्री बनाकर संविधान और कानून का गला घोंटने की कोशिश की है.