मधुबनी न्यूज़: केंद्रीय कारा बेऊर में खूब हंगामा हुआ. डिविजन वार्ड सहित सामने की बैरक का दरवाजा खुला रह जाने पर मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह के समर्थक कैदियों ने पहले बैरक में एक कैदी की पिटाई कर दी. बाद में जब बीचबचाव के लिए वहां कक्षपाल आए तो उनपर भी हमला कर दिया गया.
बताया जाता है कि समर्थक लाठी-डंडे से लैस थे. समर्थकों को आशंका है कि पूर्व विधायक की हत्या की साजिश के तहत उनके वार्ड का दरवाजा जानबूझ कर खुला छोड़ दिया गया था. हमले में कक्षपालों सहित 16 पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है. उधर हंगामे की सूचना के बाद जेल आइजी सहित वरीय अधिकारी और भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर पुहंचे. पुलिस ने हंगामा कर रहे बंदियों पर बल प्रयोग कर उन्हें शांत किया. हालांकि, जेल प्रशासन ने बल प्रयोग की बात से इन्कार किया है. हंगामे के दौरान जेल में तीन बार पगली घंटी (सायरन) बजाई गई. इससे वहां दहशत फैल गयी.
जेल अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि घायलों को मामूली चोटें आई थीं. सभी का जेल के अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया. किसी को भी अन्य अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है.
मालूम हो कि बेऊर जेल के डिविजन वार्ड में सांसद, विधायक सहित वीआईपी कैदियों को रखा जाता है. वार्ड के निचले तल पर पूर्व विधायक अनंत सिंह को रखा गया है. जेल सूत्रों के मुताबिक अनंत सिंह के वार्ड का मुख्य दरवाजे को की रात बंद नहीं किया गया था. की सुबह इसका पता चलते ही अनंत सिंह सकते में आ गए. उन्होंने साजिश के तहत जेल के अंदर हत्या करवाने की आशंका जताई. गेट खुले होने पर उनके समर्थकों ने लाठी-डंडे से बैरक में जाकर विरोधी गुट के एक बंदी की जमकर पिटाई कर दी. इससे वहां हंगामा मच गया. इसके बाद पहली बार सुबह 7.30 बजे पगली घंटी बजाई गई. उधर, मुख्य कक्षपाल सहित तीन जवान मौके पर पहुंचे तो गुस्साए कैदियों ने उनकी भी पिटाई कर दी.
घटना के बाद जेल आईजी पहुंचे बेऊर
इस घटना के बाद जेल अधिकारी मौके पर पहुंचे और कैदियों के साथ बातचीत शुरू की. वहीं, स्थिति पर नियंत्रण के लिए एक दर्जन सिपाही को भी वहां तैनात किया गया था. सूत्र बताते हैं कि इस बीच जेल अधिकारी और कैदियों के बीच मामला सुलझने की बजाए और बढ़ गया. इसके बाद कैदियों ने लाठी-डंडे से सुरक्षा कर्मियों पर दोबारा हमला कर दिया. हंगामा बढ़ने पर करीब 10 बजे जेल में दोबारा सायरन बजाया गया. उधर जेल आईजी, एआईजी, फुलवारीशरीफ एसडीपीओ और सदर एसडीएम सहित जेल के वरीय अधिकारी वहां पहुंचे. पांच बसों में आए दर्जनों की संख्या में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जेल में की गई.
दोपहर बाद शांत हुआ मामला
जेल अधिकारी अनंत सिंह और उग्र कैदियों को समझाने में लगे रहे. जबकि पूर्व विधायक के समर्थक वरीय अधिकारियों के सामने लगातार लगातार वार्ड का दरवाजा खुला रहने और लापरवाही का मुद्दा उठा रहे थे. वे जेल के अंदर कैदियों की सुरक्षा पर सवाल कर रहे थे. जेल प्रशासन को इसका जवाब नहीं सूझ रहा था. अधिकारियों से सही जवाब नहीं मिलने पर दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अनंत सिंह के समर्थक फिर भड़क गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद जेल में तीसरी बार सायरन बजाया गया और सुरक्षा कर्मियों ने हल्का बल प्रयोग कर हंगामा करने वालों को उनकी बैरक में बंद कर दिया.
लापरवाही बरतने वाले पर हो सकती है कार्रवाई
जेल के वार्ड का दरवाजा खुला रह जाना गंभीर लापरवाही मानी जा रही है. यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि अति सुरक्षित जेल के अंदर कैदियों के पास लाठी-डंडे कहां से आ गए. दरअसल, जेल नियम के मुताबिक वार्ड का गेट बंद करने के बाद कर्मी उसकी चाबी वरीय अधिकारी को सुपुर्द करता है. इसके बाद एक अन्य कर्मी दोबारा जाकर यह देखता है कि वार्ड अथवा बैरक का ताला ठीक से बंद है अथवा नहीं. बावजूद इसके वार्ड का दरवाजा खुला रह जाना साजिश भी सकती है. इसको लेकर कारा विभाग के अधिकारियों ने बैठक की. बैरक का दरवाजा खुला छोड़ने वाले कर्मियों व पदाधिकारियों की भूमिका की जांच की जा ही है. दोषी पाए जाने पर पदाधिकारी और सुरक्षा कर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है.