Sultanpur: 14 छात्रों और एक अध्यापक वाला स्कूल बंद होने के कगार पर
सुल्तानपुर: सरकार ने जहां एक तरफ अपने केंद्रीय बजट में शिक्षा के लिए भारी भरकम (1,28,650.05 करोड़) रुपए का आवंटन किया। शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी आ रहा है। सभी सरकारी माध्यमिक स्कूल ब्रॉडबैंड से कनेक्ट हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ जाएगी और उच्च शिक्षा पर पीएम रिसर्च छात्रवृत्ति नाम पर 10 हजार छात्रों को फेलोशिप दी जाएगी। तो वहीं दूसरी तरफ भले 14 बच्चों वाला जूनियर विद्यालय विष्णु गोपालपुर रास्ता और शिक्षक के अभाव में बंद ही क्यों न हो जाय। वैसे देखा जाय तो सरकार शिक्षा पर धन खर्च करने में पीछे नहीं है लेकिन आज भी अधिकारियों की लापरवाही ने प्राथमिक विद्यालय विष्णुगोपालपुर विकास खंड करौंदीकला रास्ते से वंचित है।
रास्ता विहीन इस विद्यालय में अब अविभावक अपने बच्चों का प्रवेश कराने से पीछे हट रहे हैं। इस वर्ष कक्षा छह में एक भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ है। कक्षा सात में चार छात्र एवं कक्षा आठ में मात्र 10 छात्र हैं। विद्यालय में जो बच्चे आते भी हैं, वे लोगे के खेतों और झाड़ झंखाल से होकर पहुंचते हैं। यहां तैनात शिक्षक अपना वाहन दूसरे के दरवाजे खड़ा करते हैं।
शिक्षक अजीत सिंह ने बताया की लगभग चार वर्ष से इस विद्यालय में अकेले कार्यरत हूं। मीटिंग आदि सरकारी कार्य में शामिल होने के लिए अतिरिक्त शिक्षक की व्यवस्था कर जाना पड़ता है। खंड शिक्षा अधिकारी केके मिश्र ने कहा कि विद्यालय पहुंचने के लिए रास्ता अवरुद्ध है। रास्ता चालू कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
क्या कहते हैं अभिभावक......
पूर्व प्रधानाध्यापक उदयभान चौबे ने कहा कि गांव में विद्यालय होने के बावजूद रास्ता न होने से बच्चों का प्रवेश प्राइवेट स्कूल में कराना पड़ा रहा है। कई बार अधिकारियों को मौखिक रूप से अवगत कराया लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया।
गोपाल चौबे ने कहा कि विद्यालय पहुंचने के लिए रास्ता न होने और एक शिक्षक होने से हमें अपने बच्चों को प्राइवेट विद्यालय में भेजना पड़ता है।
समाजसेवी कृष्ण कुमार चौबे ने कहा कि रास्ता न होने से विद्यालय बंद हो रहा है अधिकारियों को यह बात गंभीरता से लेनी चाहिए तभी यह विद्यालय अपने पुरातन गौरव को प्राप्त कर पाएगा।