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बिहार | जिले में सुखाड़ से गन्ने की फसल चौपट हो रही है. अगस्त का पहला सप्ताह शुरू हो चुका है. लेकिन, खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें फटी हैं. इस वर्ष अप्रैल महीने से ही औसत से ज्यादा तापमान रहने व बारिश नहीं होने से गन्ने की फसल की स्थिति ठीक नहीं है.
किसान बार-बार सिंचाई कर थक हार चुके हैं. अब सावन के महीने में भी बारिश नहीं होने से कम पैदावार की आशंका से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. गन्ने की पैदावार कम होने से जिले में संचालित दो चीनी मिलों में नो-केन की समस्या उत्पन्न हो सकती है. पिछले वर्ष सुखाड़ की वजह से सिधवलिया चीनी मिल में तीन महीने तक ही गन्ने की पेराई हो पाई थी. यही स्थिति गोपालगंज शहर के विष्णु शुगर मिल की थी.
किसानों के अनुसार इस वर्ष मार्च से लेकर अगस्त के प्रथम सप्ताह तक पंद्रह से बीस बार फसल की सिंचाई कर चुके हैं. बावजूद इसके गन्ने की पत्तियां वाष्पीकरण की वजह से झुलस रही हैं. सिधवलिया चीनी मिल के आरक्षित एवं अनारक्षित क्षेत्रों में इस वर्ष 55 हजार एकड़ से अधिक जमीन में किसानों ने ग्रीष्मकालीन, शरद कालीन व वसंत कालीन गन्ने की बुआई की है. विष्णु शुगर मिल के सुरक्षित एरिया में 45 हजार एकड़ से अधिक जमीन में गन्ने की खेती हुई है. इन दिनों अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. तीन दिन पहले हुई बारिश से खेतों में नमीं आई थी. लेकिन गर्मी से 48 घंटे में ही खेतों की नमी गायब हो गई है.
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