मुजफ्फरपुर: बिहार के बाहर की गाय खरीदने पर ही अनुदान मिलेगा. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के गव्य निदेशालय ने राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया है. इसी वर्ष से इसपर अमल शुरू कर दिया गया है. बाहर से गाय लाने पर राज्य का दूध उत्पादन बढ़ेगा.
दरअसल, अब तक अनुदान का लाभ लेने के लिए लाभुक राज्य के अंदर ही दूसरे जिले से या गांव के आसपास की गाय ही खरीद लेते थे. इस कारण राज्य के कुल दूध उत्पादन में वृद्धि नहीं दिखती थी. इसलिए अनुदान योजना के तहत यह शर्त रखी गई है. गव्य विकास निदेशालय के निदेशक संजय कुमार ने बताया कि अनुदान योजना के तहत गाय खरीदने के लिए लाभुकों को कई विकल्प दिए गए हैं. लाभुक पशु आपूर्तिकर्ता, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, डेयरी सर्विस से क्रय समिति की अनुशंसा पर गाय खरीद सकते हैं. लाभुक चाहें तो खुद भी बाहर से गाय खरीद सकते हैं. समग्र गव्य विकास योजना के तहत आवेदन 15 सितंबर से शुरू होंगे. आवेदन 15 अक्टूबर तक कर सकेंगे. इसके तहत किसी भी तरह की उन्नत नस्ल की गाय खरीद सकते हैं. इस वर्ष भी देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना और समग्र गव्य विकास योजना के तहत 40 से 75 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. दो, चार, पंद्रह एवं बीस गाय की खरीद पर अनुदान 40 से 75 फीसदी तक मिलेगा. दो और चार गाय पर सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी और ओबीसी, एससी-एसटी को 75 फीसदी अनुदान मिलेगा.
‘एक देश एक शिक्षा व एक आय की बात करे भाजपा’
प्रवक्ता नीरज कुमार ने सम्राट चौधरी के वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़े बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा को एक देश एक शिक्षा, एक देश ए़क आय की भी बात करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमलोग चुनाव से डरने वाले नहीं हैं, बल्कि हमलोगों ने तो सीबीआई और ईडी की छाती पर चढ़कर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई है और राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन बनाया है. इससे भाजपा के नेता घबराए हुए हैं. क्रंदन कर रहे हैं. उन्होंने सवाल पूछा कि क्या केन्द्र सरकार संविधान विरोधी है? क्या वह अपने को महामहिम राष्ट्रपति, संसदीय कार्य प्रणाली, संसदीय परंपरा से ऊपर मानती है? कहा कि 2 सितम्बर को राष्ट्रपति एवं लोकसभा सचिवालय द्वारा संसद सत्र का सम्मन जारी किया गया लेकिन इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री ने 31 अगस्त 2023 को ही ट्वीट के माध्यम से लोकसभा सत्र संचालन को सार्वजनिक कर दिया.