
पटना (ब्यूरो)। मगध यूनिवर्सिटी का सालों बाद भी रवैया नहीं बदला है और यहां तीन साल की स्नातक पांच साल लग रहा है। यूजी के किसी सेशन में सेकेंड ईयर का रिजल्ट का इंतजार है तो किसी में फाइनल ईयर का रिजल्ट ही नहीं प्रकाशित हुआ है। इसके कारण मगध यूनिवर्सिटी (एमयू) के हजारों छात्रों का भविष्य अंधकारमय है। कई छात्रों की जॉब पर भी आफत हो गई है क्योंकि फाइनल ईयर का रिजल्ट नहीं आने से वे माक्र्स शीट नहीं दिखा पा रहे हैं। इस ज्वलंत समस्या और एमयू की ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की मार्मिक मांग करते हुए लेकर प्रदर्शनकारी छात्र पटना में सुरक्षा कर्मियों के पैर पर जा गिरे। यह दृश्य मंगलवार को एमयू के पीडि़त छात्रों के राजभवन मार्च के दौरान दिखा। जब प्रदर्शन कर रहे छात्रों को इको पार्क के पास ही पुलिस ने घेर लिया और राजभवन जाने नहीं दिया। हालांकि बाद में छात्रों का प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के संयुक्त सचिव प्रकाश कुमार गुप्ता को मांगों का ज्ञापन सौंपा।
एमयू के पीडि़त छात्रों ने सेशन लेट और यूजी और पीजी के विभिन्न सत्रों का रिजल्ट तुरंत प्रकाशित किये जाने की मांग को लेकर एक बार सड़क पर ही लोट गिर पड़े। यह वाक्या तब हुआ जब इन्हें सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों ने राजभवन की ओर बढऩे से रोका। हालांकि इस भीषण गर्मी के दौरान सड़क पर प्रदर्शन करते हुए कई छात्र-छात्राएं बेहोश भी हुए । तब साथी छात्रों ने उन्हें चेहरे पर पानी डालते हुए और गमछे से हवा देते हुए उन्हें वापस होश में लाया।
एक ओर जहां छात्रों को अपने करियर बर्बाद होने का दर्द सता रहा था तो दूसरी ओर सुरक्षा में लगे सिपाहियों के साथ इन्होंने किसी भी प्रकार से हाथापाई या बल का प्रयोग नहीं किया। सभी हाथ जोड़ते हुए राजभवन जाने के लिए अनुनय -विनय करते हुए ही दिखे। साथ ही सभी ने अपनी छात्र एकता का भी परिचय दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि वे सेशन लेट और रिजल्ट प्रकाशन में विलंब की वजह से मानसिक प्रताडऩा से गुजर रहे हैं। बताया कि एमयू से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को तीन साल की जगह पांच-छह साल का वक्त लग रहा है।
एमयू के पूर्व वीसी राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले के बाद से करीब आठ माह से स्थायी वीसी का पद रिक्त है। इस वजह से यहां पर प्रशासन कार्य बेपटरी हो गया है। छात्रों ने अपनी मांग में इस बात को भी शामिल किया और अपेक्षा की कि जल्द ही स्थायी वीसी देते हुए सरकार इसकी प्रशासनिक व्यवस्था को दुरूस्त करेगी। वहीं, प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं में शामिल प्रीति नंदनी ने बताया कि कई छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। क्योंकि फाइनल रिजल्ट प्रकाशित नहीं होने के कारण सैंकड़ों छात्र जॉब पाने से चूक रहे हैं। छात्र मनीष सूर्या ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय का स्नातक का सत्र (2017-20,2018-21, 2019-22 तथा 2020 - 23) इन सभी शैक्षणिक सत्रों का सत्र विलम्ब तथा परीक्षा परिणाम लंबित रखा गया है।
मगध यूनिवर्सिटी की ध्वस्त व्यवस्था की बात मीडिया में आने और छात्रों के जोरदार प्रदर्शन के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि आगामी 6 महीने में मगध यूनिवर्सिटी का सेशन को ठीक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमने यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की है। इस पर जल्द ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
यूजी और पीजी की लंबित रिजल्ट का प्रकाशन जल्द हो।
- लेट सेशन की स्थिति में सुधार किया जाए।
- स्थायी वीसी की बहाली हो, प्रशासनिक व्यवस्था दुरूस्त हो।
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ये है लंबित
- यूजी की सत्र 2018-21 का सेकेंड ईयर की परीक्षा का रिजल्ट अब तक नहीं आया है। परीक्षा अगस्त, 2021 में हुई थी।
- सेशन 2019-22 का पार्ट वन का रिजल्ट पेंडिंग है। नवंबर 2021 में परीक्षा हुई थी।
- वोकेशनल कोर्स में सत्र 2018-21 का पार्ट थर्ड का रिजल्ट पेंडिंग है। अक्टूबर, 2021 में परीक्षा हुई थी।
- बीएड सत्र 2019-21 का सेकेंड ईयर का रिजल्ट पेंडिंग है, परीक्षा दिसंबर, 2021 में हुई थी।
5 अन्य कई परीक्षाएं लंबित