बिहार

सूदखोरों के नेटवर्क और गुंडा बैंक के बारे में हाईकोर्ट में सख्त टिप्पणी, विशेष टीम का हुआ गठन

Nilmani Pal
24 July 2022 1:29 PM GMT
सूदखोरों के नेटवर्क और गुंडा बैंक के बारे में हाईकोर्ट में सख्त टिप्पणी, विशेष टीम का हुआ गठन
x

न्यूज़ क्रेडिट: आज तक 

पटना: हाल में पटना हाईकोर्ट ने बिहार के सीमांचल के इलाके में चलने वाले सूदखोरों के नेटवर्क और गुंडा बैंक के बारे में सख्त टिप्पणी की थी. इन बैंकों की जांच के लिए हाईकोर्ट ने विशेष टीम के गठन का आदेश भी दिया था. इसके साथ ही अब अररिया और फारबिसगंज समेत सभी प्रखंडों में इसकी चर्चा होने लगी है. अररिया में गुंडा बैंक तो नहीं, लेकिन सूदखोरों के आतंक की कहानी इतनी गंभीर है कि कोई सामने आकर खुलकर बात नहीं कर रहा.

बीते सप्ताह फारबिसगंज के व्यवसायी रंजीत जायसवाल की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि ये कोई हादसा नहीं था. बल्कि सूदखोरों के आतंक से परेशान होकर उसने अपनी जान दे दी थी.
इस घटना के बारे में ना तो उनके परिजन और ना शहरवासी कुछ बोलने को तैयार हैं. जिले में सूदखोरों का सबसे बड़ा इलाका फारबिसगंज शहर ही है. सूदखोर कर्ज के एवज में जमीन,जेवरात, बाइक,ट्रैक्टर और घर तक पर कब्जा कर रहे हैं. फारबिसगंज के अधिवक्ता अनिल सिन्हा बताते हैं कि फारबिसगंज में इस तरह के कल्चर का चलन तेजी से बढ़ा है. वहीं युवा अधिवक्ता राहुल रंजन का कहना है कि सूदखोरों का आतंक फारबिसगंज में इतना अधिक है कि अपनी पीड़ा भी वह बयान नहीं कर पाते हैं.
हालांकि अब ऐसे लोगों की कुंडली खंगाले जाने का काम चल रहा है. कई लोग तो काफी रसूखदार हैं, जो परदे के पीछे गुंडा बैंक चलाते हैं. इस खेल के सरकारी मुलाजिमों पर भी आयकर विभाग की नजर है.
गरीबों को बनाते हैं अपना शिकार
ये गुंडा बैंक और सूदखोरी नेटवर्क वाले गरीबों को अपना शिकार बनाते हैं और उनका खून चूसते हैं. सूद पर दिए पैसों के एवज में लोगों की घर-घराड़ी व खेत-जमीन अपने नाम करवा लेते हैं. उनकी कोई भी कमाई उनके घर पहुंचने नहीं देते. बस आंख गड़ाकर वसूली में लगे रहते हैं. इसे लेकर पटना हाईकोर्ट ने एडीजी डॉ. कमल किशोर सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठन का आदेश दिया है. इस टीम में एडीजी के पसंद के अफसरों को रखने की छूट दी गई है.
बता दें कि कटिहार मुफस्सिल थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में हुए ट्रिपल मर्डर केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये निर्देश दिया था. इस कांड की छानबीन में और कोर्ट की सुनवाई के क्रम में गुंडा बैंक का नाम सामने आया था.
भागलपुर, पूर्णिया में सक्रिय हैं गुंडा बैंक
भागलपुर सहित पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज और किशनगंज के इलाके में, कटिहार में गुंडा बैंक सक्रिय हैं. इन लोगों को सरकारी बाबुओं की ओर से संरक्षण भी दिया जाता है. जांच की जा रही है कि बीते पांच वर्षों में सीमांचल के इलाकों में कई जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है. पांच सौ ऐसे लोगों की सूची आयकर विभाग को सौंपी गई है. आखिर इनलोगों के पास जमीन खरीदने के पैसे कहां से आए. गुंडा बैंक सबसे पहले गरीबों को सूद पर पैसा देते हैं. उसके बाद सब जुबानी होता है. और जब ब्याज बढ़ जाता है तो जमीन अपने नाम करवा लेते हैं. यदि वसूली जाने वाली राशि से जमीन की कीमत अधिक हुई तो दबंग शेष राशि अदा करने का भरोसा देकर जमीन उनसे ले लेते हैं और पैसे भी नहीं देते.
Next Story