बिहार

आवारा कुत्तों ने 26 दिनों में चार हजार लोगों को काटाएंटी रैबीज दवा की है उपलब्धता

Harrison
30 Sep 2023 2:06 PM GMT
आवारा कुत्तों ने 26 दिनों में चार हजार लोगों को काटाएंटी रैबीज दवा की है उपलब्धता
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बिहार | शहर से लेकर गांव तक आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है. जिले में आवारा कुत्तों ने एक से अब तक यानी 26 दिनों में करीब चार हजार लोगों को काट लिया है. सिर्फ सदर अस्पताल में हर रोज करीब 85 से अधिक पीड़ित रेबीज की वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं. पूर्व के समय से करीब 18 फीसदी कुत्ते काटने की घटनाएं बरसात में ज्यादा बढ़ी हैं.
शहर के किसी भी सड़क पर आपको आवारा कुत्तों का झुंड घुमता नजर आएगा. ऐसे में लोगों का चलना दूभर हो गया है. कुत्ते की झुंड हर रोज कूड़ा को छींटती नजर आती हैं. मोहल्ले के लोगों ने अगर छेड़ा तो काट दे रहे हैं. ताजा घटना गौरक्षणी ओवरब्रिज के पास की है. तीन दिन पूर्व कूड़ा छीट रहे कुत्ते पर कोचिंग के छात्र ने पत्थर मार दिया. इतने में कुत्ते ने झपट कर काट लिया. घटना के कोचिंग के हब माने जाने वाले शहर के प्रेमचंद पथ में बच्चों के बीच चर्चा का विषय बना है. हालांकि, रेबीज से हाल के दिनों में किसी के मौत होने की सूचना विभाग के पास नहीं है. सदर अस्पताल के अलावे अन्य सभी सरकारी अस्पतालों में रोजाना करीब 50 के आसपास एंटी रेबीज वैक्सीन लगती है. इनमें 95 प्रतिशत पीड़ित कुत्ता काटने की वजह से आते हैं. निजी अस्पतालों, मेडिकल स्टोरों से वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या अलग है.
क्या कहते हैं चिकित्सक डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि आवारा कुत्ते के काटने पर तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है. रेबीज के ज्यादा केस आवारा कुत्तों के काटने से ही देखे जा रहे हैं.
क्या कहते हैं शहरवासी शहर के मद्दीगंज निवासी कमेंद्र कुमार, सोनू कुमार, राहुल कुमार, राजेश कुमार, पप्पू कुमार, रवि कुमार आदि ने बताया कि शहर की जिस गली में जाएंगे, कुत्तों का झुंड मिल जाएंगे. वे बच्चों को सिर्फ डराते ही नहीं, उन्हें काटने भी दौड़ते हैं. आवारा कुत्तों से आमजनों को बचाना जरूरी है.
नगर निगम को चाहिए की स्पेशल टीम गठित कर कुत्तों को कहीं बाहर ले जाकर छोड़ आए. पशुपालन विभाग नसबंदी का इंजेक्शन देकर कुत्तों की संख्या को कम कर सकता है.
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