बिहार

राज्य सरकार ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल का गठन किया

Admindelhi1
25 May 2024 5:59 AM GMT
राज्य सरकार ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल का गठन किया
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20 से ज्यादा दुर्घटना पीड़ितों का फंसा मुआवजा

दरभंगा: सड़क दुर्घटना के बाद पीड़ितों को मुआवजे के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था. ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया. इसके बावजूद अब भी मृतक और घायलों को मुआवजे के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं.

दरअसल, नॉन हिट एंड रन मामलों में पीड़ितों को ट्रिब्यूनल के माध्यम से मुआवजा मिलता है. इसमें सुनवाई के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है. इस आवेदन के बाद जब तक पुलिस द्वारा फर्स्ट एक्सीडेंट रिपोर्ट (एफएआर) और डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट (डीएआर) नहीं भरी जाएगी, तब तक मुआवजे की सुनवाई शुरू नहीं होगी. अब तक भागलपुर-मुंगेर प्रमंडल (भागलपुर मुख्यालय) के विभिन्न जिलों से मुआवजे के लिए करीब 0 से ज्यादा ऑनलाइन और करीब 70 से ज्यादा मामले डीटीओ कार्यालय से प्राप्त हुए हैं.

उक्त सभी मामलों की सुनवाई केवल पुलिस द्वारा एफएआर और डीआर नहीं भरे जाने के कारण हो पा रही है. जबकि इसके लिए ट्रिब्यूनल सचिव के माध्यम से सभी जिलों के एसएसपी/एसपी को पत्राचार भी किया गया है. ट्रिब्यूनल सचिव सह एडीटीओ अमित कुमार के मुताबिक मुंगेर जिले से दुर्घटना के एक मामले में दोनों रिपोर्ट मिली है. जिसकी सुनवाई होगी. ट्रिब्यूनल सचिव ने बताया कि नए नियम के मुताबिक दुर्घटना के मामले में 48 घंटे के भीतर पुलिस को एफएआर-फार्म 1 भर देना है. यह प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से होनी है. यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. इसके बाद ट्रिब्यूनल में ऑनलाइन माध्यम से पीड़ित पक्ष द्वारा आवेदन किया जाएगा. इसके 90 दिनों के भीतर फिर से ऑनलाइन माध्यम से पुलिस को ही डीएआर भरना होता है. जिसमें दुर्घटना से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी होती है. यह डिटेल जब तक ट्रिब्यूनल को प्राप्त नहीं होगा. तब तक इसकी सुनवाई नहीं हो सकती है.

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