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गया। करीब एक वर्ष के बाद जिला परिषद के स्थायी समिति का गठन कर जिप सदस्यों के बीच चल रहे मतभेद पर मंगलवार को विराम लग गई। हालांकि कई सदस्य समिति गठन को लेकर भीतर से नाराज थे लेकिन अंततः सभी सदस्यों ने समिति के लिए दिये गए नामों पर अपनी सहमति जता इसे सदन से पारित कर दिया। जबकि कुछ सदस्यों ने सदन में घोषित नाम पर आपत्ति जताते हुए उसमें फेरबदल करने का मांग किया। जिप अध्यक्ष रेणु देवी की अध्यक्षता में जिप सागर में हुई बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राजेश झा राजा ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य सरकार का पैसा खर्च करना है। जिसमें पूरे बिहार में हम फिसड्डी हो रहे हैं। अतः सभी सदस्य आपस में कोई विवाद व द्वेष न रखें। सब मिलकर समिति का गठन कर लें और विकास कार्य में सहयोग करें।
जिप सदस्यों को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि आज के बैठक का मुख्य उद्देश्य स्थायी समिति का गठन और जैव विविधता प्रबंधन समिति के गठित समूह पर चर्चा के लिए रखा गया है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी आलोक राज ने जिप अध्यक्ष द्वारा समिति के लिए दिए गए नामों की सूची को पढ़कर सभागार में बैठे सदस्यों से इस पर अपनी राय देने की बात कही। जिसके बाद कई सदस्यों ने यह कहा कि हम जिसके बारे में नहीं जानते उस समिति में मेरा नाम दे दिया गया है। जबकि हमने दूसरे समिति में अपना नाम देने को कहा था। जिप सदस्य धीरज कुमार झा ने कहा कि हमारा नाम भी अंकेक्षण समिति में क्यों दे दिया गया है। मैं शिक्षा और स्वास्थ्य से लगाव रखता हूं अतः मेरा नाम वित्त अंकेक्षण से हटाकर शिक्षा और स्वास्थ समिति में जोड़ दें। इसके अलावा जिप सदस्य अवधेश कुमार ने डीपीआरओ द्वारा पढ़ी गई सूची पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कई ऐसे सदस्य हैं जिनका नाम दो – दो समिति में है जबकि कई सदस्यों का नाम नहीं है। अतः ऐसे सदस्य जिनका नाम दो जगह है उनका नाम किसी एक समिति से हटा दें। थोड़ी नोकझोंक के बाद अंत में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिप अध्यक्ष व डीपीआरओ ने दिए गए सुझावों के अनुसार फेरबदल कर स्थाई समिति की घोषणा कर दी।
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