बिहार

एसएसबी जवानों को मिली 'टोके गेको' प्रजाति की एक छिपकली, कीमत एक करोड़

Rani Sahu
6 Jun 2022 5:22 PM GMT
एसएसबी जवानों को मिली टोके गेको प्रजाति की एक छिपकली, कीमत एक करोड़
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भारत नेपाल सीमा के समीप एसएसबी जवानों ने बेशकीमती 'टोके गेको' प्रजाति की एक छिपकली (Tokay Gecko Lizard) को बरामद किया है

किशनगंज : भारत नेपाल सीमा के समीप एसएसबी जवानों ने बेशकीमती 'टोके गेको' प्रजाति की एक छिपकली (Tokay Gecko Lizard) को बरामद किया है. इसके साथ ही दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. अंरराष्ट्रीय बाजार में इस छिपकली की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये आंकी (Tokay Gecko Lizard Price) गयी है. इस छिपकली का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है.

गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई : किशनगंज के सुखानी थाना क्षेत्र के साबो डांगी चौक के समीप एसएसबी 19वीं बटालियन ठाकुरगंज के जवानों ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की. यहां पर एक गाड़ी से छिपकली के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. एसएसबी को गुप्त सूचना मिली थी कि एक वाहन में छिपकली को छुपाकर कुछ लोग नेपाल ले जाने के फिराक में है. इनपुट मिलते ही एसएसबी आमबाड़ी बीओपी के जवान अलर्ट मूड में आ गए और वाहन का इंतजार करने लगे.गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई : किशनगंज के सुखानी थाना क्षेत्र के साबो डांगी चौक के समीप एसएसबी 19वीं बटालियन ठाकुरगंज के जवानों ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की. यहां पर एक गाड़ी से छिपकली के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. एसएसबी को गुप्त सूचना मिली थी कि एक वाहन में छिपकली को छुपाकर कुछ लोग नेपाल ले जाने के फिराक में है. इनपुट मिलते ही एसएसबी आमबाड़ी बीओपी के जवान अलर्ट मूड में आ गए और वाहन का इंतजार करने लगे.
SSB ने तस्करों और छिपकली को वन विभाग को सौंपा : एसएसबी के जवानों ने जांच के दौरान साबो डांगी चौक के समीप रविवार की रात संदिग्ध वाहन को रुकवाया और तलाशी ली. तलाशी के दौरान वाहन के अंदर एक डोलची में एक छिपकली नजर आई. जिसके बाद वाहन पर सवार दोनों तस्करों को दबोच लिया और पूछताछ के लिए अपने बीओपी कैंप ले आए. इसकी सूचना एसएसबी ने वन विभाग और सुखानी थाना को दी. पूछताछ के बाद एसएसबी ने दोनों तस्करों के साथ छिपकली को वन विभाग के हवाले कर दिया.
बिहार और असम का रहने वाला है तस्कर : गिरफ्तार तस्करों मो. इस्लाम तैयबपुर पोठिया का रहने वाला है, जबकि नूरामीन हक, धुबरी असम का निवासी है. दोनों तस्कर प्रतिबंधित छिपकली को नेपाल की ओर जा रहे थे. हालांकि दोनों तस्करों पूछताछ में यह नहीं बताया कि कहां से वह छिपकली लेकर कहां से आए थे और कहां लेकर जा रहे थे.
''एसएसबी के द्वारा एक छिपकली और दो तस्करों को सौंपा गया है. यह छिपकली प्रतिबंधित है. गिरफ्तार दोनों तस्कर के खिलाफ वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है. किशनगंज के रास्ते इस दुर्लभ प्रजाति की छिपकली की तस्करी का भंडाफोड़ एसएसबी ने पहले भी किया है. भारत के वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट 1972 के शेड्यूल 4 के मुताबिक इन छिपकलियों का बिजनेस करना अवैध है. ऐसा करने पर तीन से सात साल तक की कैद हो सकती है.''- यूएस दुबे, रेंजर, किशनगंज वन विभाग
टोके गेको छिपकली का इस्तेमाल कहां होता है : इसका उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं के निर्माण में होता है. इसके मांस से नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाएं बनाई जाती हैं. इसका उपयोग मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. खासकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी बहुत ज्यादा मांग है. साउथ-ईस्ट एशिया में टोके गेको को अच्छी किस्मत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि ये किडनी और फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं. चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में इसका उपयोग किया जाता है.


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