बिहार
जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिये 10 से 19 अक्टूबर तक विशेष अभियान
Shantanu Roy
9 Oct 2022 6:14 PM GMT
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किशनगंज। स्वस्थ शरीर इंसान की सबसे बड़ी पूंजी है। लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जो हमें शारीरिक रूप से तो हानि पहुंचाती ही हैं, साथ ही मानसिक और सामाजिक रूप से भी आघात पहुंचाती हैं। जिनमें कुष्ठ (लेप्रोसी) भी शामिल है। जिले में कुष्ठ रोग के निवारण के लिए सोमवार 10 से 19 अक्टूबर के बीच लगातार 10 दिनों तक कुष्ठ रोगी खोज अभियान का संचालन किया जायेगा। अभियान के तहत जिले के सभी प्रखंडों में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वैच्छिक महिला व पुरुष कार्यकर्ताओं द्वारा रोगियों की खोज की जायेगी।
एसीएमओ डॉ सुरेश प्रशाद ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अस्पताल उपाधीक्षक को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सभी प्रखंडों के सभी क्षेत्रों में दो वर्ष से ऊपर के लोगों का शारीरिक परीक्षण किया जायेगा। शरीर पर उभर रहे दाग-धब्बों की जांच की जायेगी।
उन्होंने बताया की जिले में वर्तमान में कुल 520 लोग कुष्ठ से पीड़ित हैं, जिनका इलाज जारी है। रविवार को सदर अस्पताल परिसर में डॉ सुरेश प्रशाद ने बताया, कुष्ठ के कारण मरीज के शरीर पर सफेद चकत्ते यानी निशान पड़ने लगते हैं। ये निशान सुन्न होते हैं यानी इनमें किसी तरह का सेंसेशन नहीं होता है। अगर आप इस जगह पर कोई नुकीली वस्तु चुभोकर देखेंगे तो मरीज को दर्द का अहसास नहीं होगा। ये पैच या धब्बे शरीर के किसी एक हिस्से पर होने शुरू हो सकते हैं, जो ठीक से इलाज ना कराने पर पूरे शरीर में भी फैल सकते हैं। सिर्फ चुभन ही नहीं बल्कि लेप्रसी के मरीज को शरीर के विभिन्न अंगों और खासतौर पर हाथ-पैर में ठंडे या गर्म मौसम और वस्तु का अहसास नहीं होता है।
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