बेगूसराय न्यूज़: लोकसभा चुनाव से कुछ माह पहले राज्य की महागठबंधन सरकार आयोग, बोर्ड और निगमों में मनोनयन के जरिए सामाजिक समीकरण साधने की तैयारी में जुट गई है. पिछले दो दिनों में पांच आयोगों और दो बोर्ड के गठन की घोषणा की गई है. इनमें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी जदयू और राजद के खाते में गई है.
वहीं, सामाजिक समीकरण को सामने रखकर देखें तो पिछड़ा, अतिपिछड़ा, एससी व एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग को तवज्जो दी गई है. महिला आयोग में जरूर सामान्य वर्ग की एक सदस्य बनाई गई हैं.
राज्य महिला आयोग में जदयू कोटे से अध्यक्ष उजियारपुर की पूर्व सांसद अश्वमेध देवी के अलावा पार्टी की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष श्वेता विश्वास और सुलोचना देवी हैं.
अश्वमेध देवी पिछड़ा वर्ग के कुशवाहा जाति सुलोचना देवी धानुक जाति से हैं. वहीं, श्वेता विश्वास भूमिहार समाज से हैं. अल्पसंख्यक आयोग में जदयू से पूर्व मंत्री नौशाद आलम, सीवान जिलाध्यक्ष मुर्तजा अली कैसर और बेगूसराय के जिलाध्यक्ष रहे मुकेश जैन शामिल हैं. संस्कृत शिक्षा बोर्ड में जदयू कोटे से बेनीपुर विधायक विनय कुमार चौधरी, विधायक ललित कुमार मंडल और पार्टी की पुरानी नेत्री प्रतिमा कुमारी शामिल हैं. विनय चौधरी ब्राह्मण, ललित मंडल अतिपिछड़ा जबकि प्रतिमा कुमारी अन्य पिछड़ा वर्ग के कुर्मी जाति से हैं.
संस्कृत शिक्षा बोर्ड में कांग्रेस कोटे से प्रेमचंद मिश्रा और राज्य महिला आयोग में सुजाता सुम्ब्रई हैं. मदसा बोर्ड में भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम को भी जगह दी गई है. इसके अलावा जदयू कोटे से बोर्ड अध्यक्ष सलीम परवेज हैं. सलीम विधान परिषद के पूर्व उपसभापति हैं. इसके अलावा खालिद अनवर जदयू एमएलसी हैं. महादलित आयोग में जदयू कोटे से पूर्व विधायक अरुण मांझी के अलावा रविदास जाति से रामनरेश राम और आयोग अध्यक्ष पूर्व मंत्री संतोष निराला हैं. एसटी आयोग में जदयू कोटे से शंभू कुमार सुमन हैं. एससी आयोग में जदयू कोटे से पूर्व विधायक ललन भुईयां को उपाध्यक्ष और श्याम बिहारी राम को सदस्य बनाया गया है.
संस्कृत शिक्षा बोर्ड में भोला यादव समेत 6 नेता शामिल
बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड में राजद के भोला यादव सहित कुल 6 नेताओं को शामिल किया गया है. इनमें तीन यादव, एक ब्राहण दो अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले नेता शामिल हैं. इस बोर्ड में चितरंजन गगन ब्राहण, मदन शर्मा बढई एवं श्रीनारायण महतो नोनिया समाज से आते हैं. राजद ने अपने पुराने कार्यकर्ताओं में चिरंजन गगन, मदन शर्मा, निर्भय आंबेडकर को आयोगों में जगह देकर कार्यकर्ताओं का सम्मान बढ़ाया है. वहीं, एसटी से आने वाली पूर्व विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम को बिहार राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में स्थान देकर जनजातियों को संदेश देने की कोशिश की है.