मधुबनी न्यूज़: ट्रांसफार्मर रिपयरिंग वर्कशॉप (टीआरडब्ल्यू) मधुबनी में अब 25 केवीए का भी ट्रांसफार्मर बनेगा. इसकी स्वीकृति मिलने के बाद यहां ट्रायल शुरू कर दिया गया है. अभी तक यहां 63,100 व 200 केवीए का विद्युत ट्रांसफार्मर बनता था. अब 25 केवीए के छोटे ट्रांसफार्मर बनने से ग्रामीण आबादी को सुविधा होगी.
कई गांवों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत पूर्व में 25 केवीए के छोटे टांसफार्मर लगाये गये थे. इसके अलावे कृषि फीडर में भी छोटा ट्रांसफार्मर लगा है. जिसे जलने पर दरभंगा से बनाकर लाना पड़ता था. इसमें अधिक समय लगता था. अब यहां बनने से काफी सुविधा होगी. छह माह पूर्व अगस्त में यहां दो सौ केवीए का ट्रांसफार्मर बनाने का काम शुरू किया गया था.
करीब पांच साल पूर्व मधुबनी पावर सब स्टेशन के समीप टीआरडब्ल्यू की स्थापना की गई थी. उसी समय से लोगों की मांग थी की यहां टीआरडब्ल्यू का क्षमता विस्तार हो. 63 और 100, 200 की जगह 25 केवीए का ट्रांसफार्मर भी यहां पर बने. लेकिन उद्घाटन के समय सिर्फ 63 और 100 केवीए का ट्रांसफार्मर ही यहां पर बनता था.
टीआरडब्ल्यू के प्रभारी विद्युत कार्यपालक अभियंता मो. अरमान की देखरेख में 25 केवीए के ट्रांसफार्मर की ट्रायल शुरू हो गई है. इससे अब दरभंगा पर निर्भरता जल्द समाप्त होगी.
कामकाज में काफी सुविधा होगी लोगों को
अवकाशप्राप्त विद्युत कार्यपालक अभियंता मो. फिदा हुसैन ने बताया कि टीआरडब्ल्यू मधुबनी में 25 केवीए के ट्रांसफार्मर बनने से जिले के लोगों को काफी सुविधा होगी. विभाग को समय के साथ ट्रांसर्पोटेशन का खर्चा भी कम लगेगा. दरभंगा से ट्रांसफार्मर लाने में अधिक समय के साथ गाड़ी भाड़ा भी अधिक लगता था. जो अब कम लगेगा. टीआरडब्ल्यू का परिसर को थोड़ा और विस्तार कर दिया जाए तो यहां कामकाज में सुविधा होगी.
टीआरडब्ल्यू मधुबनी में 25 केवीए के ट्रांसफार्मर बनाने का ट्रायल चल रहा है. इससे जिले में 25 केवीए के ट्रांसफार्मर जलने पर समय से बदलने में सुविधा होगी.
-मो. अरमान, प्रभारी विद्युत कार्यपालक अभियंता टीआरडब्ल्यू मधुबनी.